फिर ली मौसम ने करवट: नई साल का पहला सूर्य जो दिन भर दिखने के आसार, 20 तक पहुंच सकता है पारा

शिवपुरी। कल शिवपुरी में हुई बारिश के बाद आज 1 जनवरी यानी नई साल का पहला सूरज है जो दिन भर खिलने के आसार दिख रहे है। 1 जनवरी से जिले में लगातार मौसम में बदलाब के बीच सूरज कही दिखाई नहीं दे रहा था। बीच में एक दिन जरूर सूरज ने अपनी आमद दर्ज कराई थी। परंतु कुछ घंटे बाद फिर से यह सूरज बादलों के बीच छिप गया था। इसी के बीच आज फिर सूरज देखने को मिला है। आज रात्रि में शिवपुरी जिले का पारा 12 डिग्री तक पहुंच गया था। परंतु अब सूरज खिलने के साथ ही पारा 20 पर पहुंचने की संभावना है।
भारतीय मौसम विभाग द्वारा जारी मौसमी अनुमान के अनुसार शीतकालीन मौसम में प्रदेश के अधिकांश भागों में सामान्य से न्यूनतम तापमान होने की संभावना है। अत: सभी जिला प्राधिकरणों तथा संबंधित सभी विभागों द्वारा प्रदेश में संभावित शीत लहर (शीतघात) के प्रकोप को गंभीरता से लेते हुये इससे होने वाली क्षति को कम करने के लिये विभागीय एवं जिला स्तर पर सभी आवश्यक कदम उठाए जाए। इस संबंध में गृह विभाग द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निर्देशानुसार जिला शीत लहर (शीतघात) कार्य योजना तैयार की जाये। प्रत्येक स्तर (जिला, तहसील, ब्लॉक, विभाग) पर शीत लहर प्रबंधन के लिये एक नोडल अधिकारी नामांकित किया जाए। भारतीय मौसम विज्ञान द्वारा जारी शीत लहर चेतावनी को जिला कमांड और नियंत्रण केंन्द्र के माध्यम से जन सामान्य तथा संबंधित विभागों तक पहुंचाने के लिए आवश्यक व्यवस्था की जाए।
शीत लहर से बचाव के लिए अपनाई जाने वाली सावधानियों से संबंधित सुझाव का प्रचार प्रसार होर्डिंग तथा प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया, स्थानीय केबल टीवी नेटवर्क, एफएम, सामुदायिक रेडियो से किए जाने की व्यवस्था की जाये। बेघर/प्रभावित लोगों को आश्रय गृहों में स्थानांतरित किया जाये। बेसहारा एवं बेघर व्यक्ति सड़क /मैदान में पाये जाने पर अलाव की व्यवस्था की जाए। स्वयंसेवी संगठनों के माध्यम से कम्बलों की व्यवस्था कर उन्हें वितरित किया जाए।
स्कूल तथा शैक्षणिक संस्थाओं का कार्य समय, भारतीय मौसम विज्ञान द्वारा शीत लहर से संबंधित दी गई चेतावनी अनुसार आवश्यकतानुसार व विधिवत स्कूल खुलने के समय में परिवर्तन करने के लिए आवश्यक आदेश जारी किए जायें। जिले में स्थित सभी शासकीय अस्पतालों में शीत लहर प्रभावितों के उपचार के लिये विशिष्ट कार्य योजना बनाई जाए।