शहर के लिए बुरी खबर: इस साल भी सुअरों के साथ माननी होगी शहर बासियों को दीपावली

शिवपुरी । नगर पालिका शिवपुरी की कार्यप्रणाली के चलते पीछे से दूसरे नंबर का तमगा हासिल करने बाली नगर पालिका क्षेत्र के निवासियों के लिए एक बार फिर बुरी खबर है। खबर यह है कि इस बार भी शहर बासियों को दीपावली सुअरों के साथ ही माननी होगी।
यह सुअर शहर में पिछले कई सालों से लोगों के लिए समस्या बने हुए हैं। शहर को सुअर मुक्त कराने के लिए कई बार ठेके हुए, सुअर पकड़े भी गए लेकिन शहर सुअर मुक्त नहीं हो पाया। शहर का शायद ही ऐसा कोई क्षेत्र हो जहां पर सुअर विचरण नहीं कर रहे हों। इन सुअरों के कारण शहरवासी बेहद परेशान है, क्योंकि यह न सिर्फ शहर को गंदा कर रहे हैं बल्कि कई हादसों का सबब भी बन रहे हैं।
इसी क्रम में इस बार एक बार फिर सुअर पकड़ने के टैंडर हो चुके हैं। वर्क आर्डर भी जारी हो चुका है। लेकिन धरातल पर एक भी सुअर नहीं पकड़ा गया है। इस पर नगर पालिका सीएमओ शैलेष अवस्थी का कहना है कि यह बात सही है कि टेंडर हो चुका है और वर्क आर्डर भी जारी हो गया है।
हाई कोर्ट के आदेश पर सुअर पकड़ने का टेंडर दिया गया है। टेंडर ग्वालियर की लक्ष्य सिक्योरिटी सर्विस को दिया गया है। यह फर्म दीवाली बाद से सुअर पकड़ने का काम शुरू करने की बात कह रही है, हालांकि हमारा प्रयास है कि सुअर पकड़ने का काम दीवाली से पहले शुरू हो जाए।
100 किमी दूर, गैर आबादी क्षेत्र में छोड़े जाएंगे सुअर, सीएमओ के अनुसार लक्ष्य सिक्योरिटी से जो अनुबंध हुआ है उसके अनुसार वह सुअर को पकड़ेंगे उन्हें शहर से 100 किमी दूर ऐसे स्थान पर छोड़ना होगा जहां आबादी क्षेत्र न हो।
जब सुअर पालकों द्वारा शहर में सुअर छोड़ने के संबंध में इस व्यापार से जुड़े व्यक्ति से जानकारी चाही गई तो उक्त व्यक्ति ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर बताया कि सुअर पालन आसान नहीं है। एक सुअर की डाइट अगर सुअर पालक देगा तो उसे हजारों रूपये हर महीने देने होते है।
महीने सुअर के भोजन पर खर्च करने पड़ेगे। इसी के चलते वह सुअरों को शहर में खुला छोड़ देते है ताकि वह इधर उधर विचरण करके अपना पेट भरते रहे। ऐसे में वह मुफ्त में सुअर पालन कर लेते है और जब वह सुअर व्यस्क हो जाता है तो उन्हें हजारों रुपये की आमदनी होती है।
उज्जैन नगर निगम का माडल टेंडर बना आधार
शिवपुरी में सुअर पकड़ने का जो टेंडर किया गया है, उसके लिए नगर पालिका ने उज्जैन नगर निगम के माडल टैंडर को आधार बनाया है। इस टेंडर के अनुसार करीब 60 रुपये में फर्म एक सुअर पकड़ेगी। पकड़े गए सुअरों की वैरीफिकेशन नपा के अधिकारियों को कराएगी और इसके बाद इन सुअरों को शहर से 100 किमी दूर तक छोड़ेगी।
खास बात यह है कि कुछ समय पहले जब हाई कोर्ट के आदेश के क्रम में सुअर पालकों को कार्रवाई के नोटिस थमाए गए थे, तत्समय नपा ने स्पष्ट रूप से निर्देश जारी किए थे कि अगर सुअर पालकों ने सुअरों की शहर में छोड़ा या वार्ड से बाहर निकाला तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उक्त आदेश के वावजूद भी शहर में किसी भी सुअर पालक के खिलाफ कोई कार्रवाई आजतक सस्थित नहीं की गई है। सुअर पालक भी सिर्फ उस समय सुअरों को बाड़े में पकड़ कर रखते है जब कार्रवाई होती है। इसके बाद उन्हें शहर में खुला छोड़ देते है। इन सुअर पाल को को शहरवासियों की परेशानी से कोई लेना देना नहीं है।