पंचायत को नगर निगम में जोडने गांव पहुंचे SDM,ग्रामीणों ने कहा इसे पंचायत ही रहने दे

शिवपुरी। बीते दिसम्बर में शिवपुरी दौरे पर आए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शिवपुरी में आयोजित 16 दिसंबर को मुख्यमंत्री जन अभियान कार्यक्रम में शिवपुरी नगर पालिका को नगर निगम बनाने की घोषणा की थी। इस पर अमल करते हुए जिला प्रशासन ने नगर निगम बनाने के प्रयास तेज कर दिए हैं।
नगर निगम बनाए जाने के लिए पर्याप्त जनसंख्या का होना अतिआवश्यक है। इसके लिए शिवपुरी के नगरीय क्षेत्र का विस्तार करने के लिए कई ग्राम पंचायतों को नगरीय क्षेत्र में जोड़ा जाना आवश्यक है। इसी कड़ी में बुधवार काे प्रशासन की टीम एसडीएम अंकुर गुप्ता के नेतृत्व में शिवपुरी जनपद की हातोद पंचायत पहुंची, जहां उन्होंने नगर निगम के बनने और पंचायत के नगर निगम में जुड़ने के बाद होने वाले फायदों को गिनाया, लेकिन इसके विपरीत हातोद पंचायत के ग्रामीणों ने प्रशासन के सामने पंचायत को जस की तस रहने की अपील की।
विदित हो कि हातोद पंचायत माधव नेशनल पार्क से सटी हुई है। टाइगर प्रोजेक्ट के तहत हातोद पंचायत को पहले से ही बफर जोन में जोड़ा जाना तय हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि बफर जोन में आने के कारण वह पहले से ही परेशानियों में आ चुके हैं।
बफर जोन में आने से उन पर कई प्रकार की बंदिशें लगा दी जाएंगी और अब माधव नेशनल पार्क के बफर जोन क्षेत्र में आने वाली हातोद पंचायत को अगर नगरीय क्षेत्र में जोड़ा गया तो उनकी परेशानियां दोगनी हो जाएगी। ग्रामीण सोहन सिंह सिख का कहना है कि सरकार और प्रशासन हमारे ऊपर अपना फैसला थोप रही है। उनकी भी कई मांग हैं, जब तक सरकार उनकी सभी मांग नहीं मानेगी, तब तक वह हातोद पंचायत को न ही बफर जोन घोषित मानेंगे और न ही नगर निगम में जुड़ने देंगे।
ग्रामीण सरजिन्दर सिंह रंधावा ने कहा कि शिवपुरी एसडीएम अंकुर गुप्ता द्वारा नगर निगम से जुड़ने के कई फायदे बताए थे। एसडीएम ने बताया था कि नगर निगम में जुड़ने से कई फायदे ग्रामीणों को होंगे, लेकिन इस क्षेत्र के ऊपर पहले से ही बफर जोन की तलवार लटकी हुई है। ऐसे में बफर जोन घोषित होना तय माना जा रहा है और नगर निगम में इस क्षेत्र को जोड़ने की कवायत प्रशासन ने शुरू कर दी है। ऐसे में अगर यह क्षेत्र बफर जोन में जुड़ता है तो विकास के कार्यों पर रोक लग जाएगी। बफर जोन और नगर निगम क्षेत्र में जुड़ना दोनों एक दूसरे के विपरीत हैं। दोनों ही फैसलों में हमारी पंचायत के ग्रामीणों को नुकसान होगा। इसलिए एसडीएम से गुजारिश की है कि हातोद पंचायत को जस की तस रहने दिया जाए।
हातोद पंचायत के रहने वाले मनीष मेहरोत्रा का कहना है कि सरकार की नीति के तहत ग्रामीणों अब तक भवन निर्माण से लेकर कई कार्यों की स्वीकृति पंचायत स्तर पर ही मिल जाती है। ऐसे में अगर यह क्षेत्र शहरी क्षेत्र से जोड़ा जाएगा तो बिना रिश्वत के कोई काम नहीं होगा। साथ हमारे पशुओं के लिए अभी जो चरनोई जमीन मिली है, वह जमीन भी नगर निगम में जुड़ने के बाद नगर निगम की हो जाएगी। ऐसे में हमारे पशुओं को चारा उपलब्ध नहीं हो सकेगा। कृषि यंत्रों सहित अन्य कई सुविधाएं ग्रामीणों को मिलती है वह भी उनसे छिन जाएगी। ऐसे में कई शहर सटी हुईं पंचायत हैं, उन पंचायतों को शहरी क्षेत्र में जोड़ा जाना चाहिए, हातोद पंचायत पूर्णता कृषि प्रधान पंचायत है।