किसानों की फसल पर संकट की मार, हजारों एक्टेयर उडद, सोयाबीन और मूंग की फसल नष्ट

भानुप्रताप सिंह @ शिवपुरी। बिगत तीन दिन से जिले में हो रही बारिश से किसानों के बीच हाहाकार मचा हुआ है। इस बारिश ने किसानों के अरमानों को पानी में बहा दिया है। किसान जो अच्छी फसल की उम्मीद लगाकर बैठे थे। उनकी फसल इस बारिश से पूरी तरह से नष्ट हो गई है। जिले में इल्ली का प्रकोप से अफलन और उसके बाद जो फसल पक कर तैयार हुई थी वह भी लगातार बारिश से काली पड़ने लगी है क्योंकि धूप नहीं खिलने से फसल सुख नहीं पा रही है और खेतों में पानी भरा होने से ना ही कटाई हो पा रही है।
हालात यह है कि कई गांवो में खड़ी फसल में अंकुरण होने लगा है। अभी भी पानी की वजह से खेतों में नहीं पहुंच पा रहे हैं। लगातार बारिश होने से किसान के द्वारा खेतों में डाली गई कचरे व इल्ली की दवाईयां भी काम नहीं कर रही इस बार किसानों ने कचरे की दवाई दो.दो बार डालने पर कचरा नहीं मरा तथा इल्ली का प्रकोप इतना भयंकर था की चार पांच बार भी ईल्ली मारने की दवाई डालने पर भी इल्लीयां नहीं मरी और कई तरह के मच्छर भी फसल में फालीयो को खा रहे हैं तथा गिरा रहे हैं।
पिछले 3 साल से सोयाबीन और उड़द की फसल पानी से प्रभावित हो रही है जिससे किसान अपना बीज भी तैयार नहीं कर पा रही हैं। इस साल किसानों ने लगभग ₹9000 क्विंटल मैं बीज खरीदा था। इस साल भी किसान अपना घर का बीज तैयार नहीं कर पायेगा जिसकी मार भी किसानों को अगली बोनी पर पड़ेगी क्योंकि बारिश से बीच वाली क्वालिटी नहीं बनेगी।
किसानों का कहना हैं की लगातार अति वर्षा होने से खेतों में इतनी नमी है कि आज से मौसम साफ होने पर भी कम से कम 15 दिन कृषि यंत्र से खेतों में काम नहीं कर पाएंगे हार्वेस्टर तथा रीपर खेतों में नहीं जा सकते तथा मजदूर भी काम नहीं कर पा रहे हैं। किसानों को अभी से चिंता सता रही है कि अगर लगातार बारिश होती ही रही तो अगली फसल की तैयारी कैसे करेंगे क्योंकि खेतों की सफाई होगी तभी तो हकाई जुताई कर पाएंगे।
पिछले साल की अपेक्षा खाद, बीज, डीजल, दवाइयां और मजदूरी सब कुछ महंगा होने से लागत कई गुना बढ़ गई है। अगर किसानों को शासन से तुरंत राहत नहीं मिलती है तो आर्थिक स्थिति बुरी होने वाली है। किसानों के हाल बेहाल है। इसके साथ ही किसानों को उम्मीद थी कि टमाटर से कुछ हद तक उनकी भरपाई हो जाएगी। परंतु हालात यह है कि अधिक बारिश से टमाटर भी रोग ग्रसित होने लगे है।
अगर बात करें खतौरा बदरवास रन्नौद क्षेत्र की तो यहां किसानों की उडद की फसल कटने को तैयार है। अब ऐसे में बारिश हो जाने से उनकी पूरी फसल चैपट हो गई है। इसके साथ ही बैराड क्षेत्र में किसानों की सोयाबीन की फसल पककर तैयार है। अब यह बारिश हो जाने से खडी फसल में दानें पीक रहे है। जिसके चलते किसान सिर पकड कर रो रहा है।