नगरपालिका ने शुरू किया शहर में अवैध कॉलोनियों का सर्वे, भू माफियाओं में मचा हड़कंप

शिवपुरी। बीते कुछ दिनों से अवैध कोलनाइजरों पर प्रशासन द्वारा आंख तरेरे जाने के बाद अब भू माफियाओं में हड़कंप मच गया है। अभी महज 7 भू माफियाओं पर एफआईआर के आदेश जारी हुए है। परंतु अभी 170 भू माफियाओं की लिस्ट तैयार है जिनपर कार्यवाही होना है।

शिवपुरी में ADM और एसडीएम की कार्रवाई के बाद अब नगर पालिका सीएमओ भी अवैध कालोनियों को लेकर एक्शन मोड में आ गए हैं। नगर पालिका ने सीमा क्षेत्र में बने कालोनियों का स शुरू कर दिया है। इसमें शहर की हर कालोनी को सर्वे में लिया जा रहा है। जिसमें पूर्व में बनी कालोनियों के साथ वर्तमान में विकसित हो रही कालोनियों भी शामिल हैं। दूसरी और पटवारियों का सर्वे भी चल रहा है।

ऐसे में शहर के कालोनाइजरों में हड़कंप की स्थिति बन गई है और वे सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटते हुए देखे जा रहे हैं। नगर पालिका द्वारा सर्वे में जिन कालोनियों के नाम सामने आएंगे उन्हें दो कैटेगरी में विभाजित किया जाएगा। वर्ष 2016 तक विकसित हुई कालोनियों और इसके बाद अस्तित्व में आई कालोनियों की अलग अलग कैटेगरी होगा।

उसके बाद इन सभी कॉलोनियो के कोलनाइजरों पर कार्यवाही कर इन कॉलोनियो को नियमानुसार वैध करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। वहीं 2016 के बाद बनने वाली कालोनियों को वैध करने को लेकर अभी लेकर शासन की कोई गाइडलाइन नहीं आई है।

पूर्व में नपा में चिन्हित है 181 कालोनियों, लेकिन कार्रवाई नहीं कॉलोनी, श्रीराम कालोनी, सावरकर कालोनी, गौतम बिहार, बैंक कालोनी, कृष्पुरम, सरस्वती नगर, मधुवन, हनुमान, मनीयर, बारा, नवाब साहब रोड, सकूलर मार्ग, चंद्र कालोनी, चंद्रा कालोनी, सींगुरा, स्टेशन कालोनी आदि को पहले ही नपा अवैध मान चुका है। झींगुरा में अवैध कालेनाइजेशन के लिए इसी महीने में नगर पालिका उपाध्यक्ष और उनके पति पर भी एफआइआर की गई है।

नपा के लिए यह है प्रविधान
नगर पालिका अधिनियम की धारा 339 (जी) में यह प्राविधित है कि अवैध नगर पालिका ने एक शिकायत के बाद साल 2019 में कालेनियों का सर्व कराया था जिसमें 181 अवैध कालोनिया सामने आई थीं। इन पर कार्रवाई के लिए पत्राचार शुरू हुआ, नोटिस बांटे गए और फिर अधिकारियों ने पूरा मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया।

यह कालोनियां 57 कालोनाइजरों ने काटी थी जिसमें कई सत्तापक्ष से जुड़े रसूखदारों के नाम में शामिल हैं। शहर की पाश कालोनियों में गिने जाने वाली विवेकानद के दायरे में आते हैं। अवैध कालोनी निर्माता को कम से कम तीन साल और अधिक से अधिक सात साल और जुर्माना का प्रविधान है।

दो मंत्रियों की दखल, इसके बाद सक्रिय हुआ प्रशासन
यह पूरी कार्यवाही स्थानीय विधायक यशोधरा राजे सिंधिया ने प्रशासन से भूमाफियाओं पर सख्ती कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा था कि जैसे- जैसे शहर बढ़ रहा है अब शहरी क्षेत्र के साथ सटे हुए ग्रामीण क्षेत्र में अवैध कालोनाइजेशन बढ़ रहा है। इस पर कार्रवाई होना चाहिए। इसके बाद प्रशासन हरकत में आय क्योंकि उन्होंने अधिकारियों सख्त लहजे में अक्टूबर में प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने समीक्षा बैठक के दौरान 15 दिनों के अंदर अवैध कालोनियों की सूची बनाने के निर्देश प्रशासन को निर्देश दिए थे।

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