राज्यमंत्री राठखेड़ा का सेकेट्री भाई गरीबो पर ढा रहा सितम, थमा दिए बेघर करने के नोटिस, आशियाने बचाने है तो 2 लाख ले आओ

शिवपुरी। जिले के पोहरी में जब से राज्यमंत्री सुरेश धाकड़ को राज्यमंत्री का दायित्व सौपा गया है तब से पोहरी में उनसे ज्यादा उनके रिश्तेदार एक्शन मूड में आ गए है। उनका बेटा खुलेआम शासकीय कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में पहुचते हुए दिखाई देते है। उनके भांजे भी मंत्रीजी का रौब खुलेआम दिखाते हुए कई बार नजर आए है। अब उनके भाई पर भी आरोप लग रहे है।

दरअसल पोहरी के विधायक व पीडब्ल्यूडी के राज्यमंत्री के पंचायत सचिव भाई ने अपनी पंचायत के गरीब परिवारों को घर से बेघर करने की तैयारी कर ली है। बरसों से बसे इन परिवारों को बेदखल करने के लिए नोटिस भी जारी कर दिए, जिसके चलते इन परिवारों की नींद उड़ गई। अब बेचारे करें तो क्या करें।

इतना ही नहीं इस बसाहट वाली जगह पर पंचायत की तरफ से आबादी के बोर्ड भी लगा दिए गए, जिसमें निर्माण कार्य प्रतिबंधित कर दिया गया। इन गरीब परिवारों का कहना है कि मंत्री का भाई मेन रोड वाली जगह से हमें हटाकर दूसरे लोगों को देने की तैयारी कर रहा है। साथ ही वो दो-दो लाख रुपए की मांग कर रहा है, और न देने पर बुल्डोजर चलाने की धमकी दे रहा है।

पीडब्ल्यूडी राज्यमंत्री सुरेश राठखेड़ा का छोटा भाई मस्तराम धाकड़ पंचायत सचिव है तथा छह माह पूर्व ही उन्हें उपसिल पंचायत का प्रभार मिला है। उपसिल पंचायत का मजरा मचाखुर्द है, जिसमें मॉडल स्कूल के सामने स्थित आबादी की 29 बीघा शासकीय भूमि है। आबादी की भूमि में बेघर व गरीब परिवार अपना आवास बनाकर रह सकते हैं। इस जमीन पर बरसों से बंजारा जाति के अलावा सभी जाति के लोग निवास करते हैं।

कुछ परिवारों को तो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिली राशि से पक्के मकान बना लिए हैं, जबकि कुछ टपरिया डालकर अपने परिवार की गुजर-बसर कर रहे हैं। चूंकि पंचायत सचिव मस्तराम रिश्ते में राज्यमंत्री का भाई है, इसलिए स्थानीय प्रशासन भी इन गरीबों की सुनवाई नहीं कर रहा। साथ ही इन गरीबों को यह डर सता रहा है कि पंचायत सचिव पावरफुल होने की वजह से उनके आशियाने उजाड़ सकता है।

इनका कहना है
वह आबादी की जमीन है, जिस पर बोर्ड मैंने लगवाए हैं। आवास तो वो बना सकते हैं, लेकिन कुछ लोग खेती कर रहे हैं तथा उस जमीन को बेच रहे हैं, जो गलत है। हमने तो नोटिस इसलिए दिए हैं कि वो उक्त जमीन किसी को न बेचें। दो लाख रुपए मांगने का आरोप पूरी तरह से गलत है।
मस्तराम धाकड़, सचिव उपसिल पंचायत

जिस जमीन पर गरीबों के आशियाने बने हैं, उन्हें कोई नहीं हटाएगा। सचिव मेरा भाई है और यदि उसने कोई नोटिस दिए हैं, तो मैं उससे बात करूंगा। उस जमीन पर काबिज लोग, दूसरों को जमीन न बेचें, यह बात उन्हें भी ध्यान रखना चाहिए। मैं उन्हें उजड़ने नहीं दूंगा।
सुरेश राठखेड़ा,राज्यमंत्री पीडब्ल्यूडी

मंत्रीका भाई मस्तराम हमारी कच्ची टपरिया को हटाने के लिए कहने आया था। जब हमने उससे कहा कि हमारे परिवार के बेटा-बहू-बच्चों के रहने के लिए कोई जगह नहीं है, तो उसने गाली देकर कहा कि तुम यह जगह खाली कर दो, नहीं तो बुलडोजर चलवा दूंगा।
बुधियाबाई, परेशान महिला

हम तो मजदूरी करते हैं और आबादी की खाली जगह पर हम टपरिया बनाकर अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। पंचायत सचिव मस्तराम ने कहा कि 2 लाख रुपए दोगे तो ही यहां रह पाओगे। इतना पैसा तो हम किडनी बेचकर ही दे पाएंगे, तो उसे ही बेचने की सोच रहे हैं।
मेहंदीराम, परेशान ग्रामीण

तो हम कहां रहेंगे, यह कहते हुए रो पड़ी
हमने एक छोटी सी टपरिया डाल ली है, क्योंकि पहले हम जहां टपरिया डालकर रह रहे थे, वहां पानी आने की वजह से गृहस्थी का सामान बेकार हो गया था। हमने यहां पर एक टपरिया डाल ली तो पंचायत सचिव मस्तराम उसे उजाड़ने की की धमकी दे
रहा है। यह कहते हुए महिला रो पड़ी।
स्वरूपी देवी, परेशान महिला

Advertisement

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *