बारूद से गाय के मुंह का फोटों देख राशि सिंह गौर ने लिखी कबिता वेदना, जरूर पढ़े

शिवपुरी। आज जिले के रन्नौद क्षेत्र में जंगली सुअरों के शिकार के लिए जंगल में बिछाए गए बारूद से एक गाय का मुंह बुरी तरह से छतिग्रस्त हो गया। गाय के इस छतिग्रस्त मुंह को देखकर शहर की बिटिया राशि सिंह गौर ने इस पर एक कबिता लिखी है। इस कबिता को आप भी पढें
वेदना“
कहने को तो गौमाता हूँ।
अपने ही मालिक के घर में “अनजान” हूँ।
न खाने का “ठिकाना” न रहने का “बसेरा”।
ठंड में ठिठुरन की “मौहताज” हूँ।
फिर भी “कलयुग” मैं “गौमाता” की परिभाषा हूँ।
दूध न दूँ तो खाने के लिए “मौहताज”” हूँ।
समय पर घर न आऊँ तो अपने बच्चे के प्यार में “मौहताज” हूँ।
साहब मेरे न सही मेरे “बच्चों” की सोचिए।
मैं तो चली जाऊँगी, लेकिन मेरे बच्चों को ही “पहचान दिला” दीजिये।
मेरे मालिक का नाम तो बता दीजिए जो न खाना देता,न जगह देता बस दूध निकाल मुझे सड़क पर छोड़ देता साहिब। थोड़ा अहसान “गौमाता” न सही समझो पर एक मूक जानवर समझ ही मेरी “वेदना” को समझो साहिब।
- राशि सिंह गौर