नसवंदी शिविर: प्रोत्साहन राशि के फैर में नसबंदी के लिए महिलाओं को बुला लिया , चार घंटे तक करती रही इंतजार, बारी नहीं आई

कोलारस। जिले में सर्दीयो के समय में परिवार नियोजन के लिए प्रसूता कार्यकर्ता और सहायिकाओं को अपने क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा नसबंदी करने का टारगेट दिया है। परंतु आज हालात यह बन गए कि सुबह से ही नसबंदी कराने स्वास्थ्य केन्द्रों पर भीड लग गई। परंतु प्रशासन की कारगुजारी के चलते सुबह 6 बजे से आई महिलाएं चार घंटे तक इंतजार करती रही। परंतु उनकी बारी नहीं आ सकी।
रामनगर के रहने वाले अवधेश धाकड़ ने बताया कि वह अपनी पत्नी को लेकर आज चौथी बार नसबंदी के शिविर में पहुंचे हैं लेकिन इस बार भी उनका नंबर नहीं लग सका है जबकि वह सुबह 6:30 स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंच गए थे लेकिन दोपहर तक उनका नंबर नहीं आ सका। अवधेश ने आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने चहेेतों को टोकन बांट दिए। परंतु जो 6 बजे से लाईन में लगे थे उन्हें टोकनों का पता तक नहीं चला।
भड़ोता की रहने वाली आशा कार्यकर्ता शशि लोधी का कहना है कि वह अपने क्षेत्र की महिलाओं को चार बार शिविर में लेकर आई है लेकिन उन्हें ऑपरेशन का टोकन तक नहीं दिया गया। कोलारस के स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंची महिलाओं और आशा कार्यकर्ताओं का आरोप है कि नसबंदी शिविर से जुड़े हुए स्वास्थ्य कर्मी अपनी पहचान के लोगों को टोकन पहले ही दे देते हैं। जिसके बाद उनका ऑपरेशन कर दिया जाता है, इससे दूर दराज से नसबंदी कराने पहुंच रही महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
डॉक्टर विवेक शर्मा का कहना है कि नियम अनुसार एक स्वास्थ्य केंद्र पर 50 नसबंदी करने का लक्ष्य दिया हुआ है लेकिन बेड के अभाव से इसकी संख्या कम ही रह जाती है। इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखा है। आज 38 महिलाओं के LTT के ऑपरेशन किए गए। इसके बावजूद अगर किसी भी प्रकार की लापरवाही बरती जा रही है तो वह जांच करवाने के बाद आवश्यक कार्रवाई करेंगे।