लुटेरे विभाग से परेशान किसानों ने पावर हाउस घेरा: बोले फाल्ट बताकर करते है जबरन कटौती

कोलारस। खबर जिले के कोलारस के रन्नौद तहसील से आ रही है। जहां बिजली कटौती से परेशान ग्रामीणों नरे खरेह पावर हाउस का घेराब करते हुए जमकर नारेबाजी की। किसानों का आरोप है कि क्षेत्र के अकोदा, मूढ़री सीतानगर, खोराना सीतानगर छावरा, राजापुर में बिजली कटौती की जा रही है जिससे किसानों को भारी समस्या से जूझना पड़ रहा है। किसान अपने खेतों में पानी देने के लिए रात-रात भर बिजली आने का इंतजार करते हैं।
जब बिजली विभाग के कर्मचारियों से बात की जाती है तो वह हर रोज बिजली की लाइन में फाल्ट बता कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। किसानों को चौबीस घंटे में से सिर्फ 10 घंटे भी बिजली उपलब्ध नहीं हो पा रही है बिजली की लाइन में हर रोज फाल्ट बताकर घंटों तक बिजली की सप्लाई बंद रखी जाती है इसके कारण उनके खेतों में खड़ी फसल के नष्ट होने का संकट गहराता जा रहा है।
किसानों का कहना है कि खेतों की सिंचाई के लिए पानी की जरूरत होती है और बिजली की लुकाछिपी हर रोज जारी है। बिजली सप्लाई के बंद होने से कृषि पंप व बोरिंग से पानी नहीं मिल रहा। इससे सिंचाई कार्य भी प्रभावित हो रहा है इस बात को बिजली विभाग के अधिकारी मानने को तैयार नहीं कि बिजली की परेशानी है। बिजली की आंख मिचौली से ग्रामीण क्षेत्रों का बुरा हाल है।
किसानों का आरोप है कि बिजली विभाग के द्वारा की जाने वाली कटौती के कई कारण बता दिए जाते हैं। उन्हें फीडर की छोटी से लेकर बड़ी लाइन का फाल्ट बता दिया जाता है तो कहीं मुख्य केंद्र से कटौती होना बता दिया जाता है। रात के समय बिजली काट दी जाती है जिसका फाल्ट ढूढने में दोपहर तक का समय बिजली विभाग के कर्मचारी लगा लेते हैं। इसके बाद भी लो बोल्टेज के आने से उनके खेतों की मोटर नहीं चल पा रहीं है।
किसान गजराज सिंह लोधी ने बताया कि कम बिजली मिलने से सिंचाई का कार्य नहीं हो पा रहा है। बिजली की आंख मिचौली से एक बीघा खेत की सिंचाई करने में कई दिन लग जा रहा है। अधिक समय लगने से धन और पैसे दोनों का नुकसान उठाना पड़ रहा है। यही हाल रहा तो गेहूं की बुवाई पिछड़ना तय लग रहा है। सरकार से हमारा इतना कहना है कि आखिर ऐसी स्थिति में हम सिंचाई करे तो करें कैसे।
सूत्रों की माने तो इस क्षेत्र में बिजली फाल्ट के जिम्मेदार भी इसी क्षेत्र के कुछ किसान है जिनके द्वारा रात के समय बिजली की लाइन को फाल्ट कर दिया जाता है जिससे आगे के गांव में बिजली सप्लाई नहीं पहुँच सके और उक्त लोगों के खेतों तक फुल बोल्टेज के साथ बिजली सप्लाई पहुँच सके। बिजली कंपनी के जेई एमआर सिद्दीकी का कहना है कि ग्रामीण अंचल में नियमित निर्धारित बिजली सप्लाई की जाती है कभी कभी लाइन में फाल्ट आ जाता है जिसे ढूंढने में कभी कबार समय लग जाता है।