मंगलम संस्था पहुंची यशोधरा राजे सिंधिया: सेवा के संस्कार हमारे DNA में

शिवपुरी। समाजसेवी संस्था मंगलम की स्थापना से लेकर उसके उत्कर्ष में सिंधिया राजपरिवार के सराहनीय योगदान का जब मंगलम के सचिव राजेंद्र मजेजी ने मंगलम और नारायण सेवा संस्थान द्वारा आयोजित मॉड्यूलर कृत्रिम अंग वितरण शिविर मेें जिक्र किया तो अपने उदबोधन में समारोह की मुख्य अतिथि और प्रदेश सरकार की खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने भावूक होकर कहा कि सेवा के संस्कार हमारे परिवार के डीएनए में हैं।
मेरी मां राजमाता विजयाराजे सिंधिया और बड़े भाई माधवराव सिंधिया ने राजनीति को सेवा का माध्यम बनाया और उनके संस्कारों पर ही मैं राजनीति में आगे बढऩे का प्रयास कर रही हूं। उन्होंने मंगलम और नारायण सेवा संस्थान की सराहना करते हुए कहा कि दिव्यांगजनों की सेवा सबसे बड़ी सेवा है और इस सेवा में मैं अपनी सहभागिता भी सुनिश्चित करना चाहती हूं। उन्होंने कहा कि मैं मंत्री के रूप में अपने फंड से दिव्यांगों के लिए कुछ मदद करना चाहती हूं और इस काम में मंगलम मेरा सहयोग करे। शिविर में राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त प्रहलाद भारती और नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमति गायत्री शर्मा भी मंचासीन थी।
मंगलम परिसर में मॉड्यूलर कृत्रिम अंग वितरण शिविर का आयोजन समाजसेवी संस्था मंगलम और नारायण संस्थान उदयपुर के सहयोग से किया गया था। शिविर में मंगलम संस्था के साथ-साथ नारायण सेवा संस्थान उदयपुर ने भी परम्परागत पगड़़ी पहनाकर यशोधरा राजे सिंधिया और अन्य अतिथियों सम्मान किया तथा संस्था की गतिविधियों से उपस्थित लोगों को अवगत कराया। शिविर में खेल मंंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने दिव्यांगजनों से आत्मीयता क लहजे में उनका हालचाल पूछा और जानना चाहा कि कृत्रिम अंगों से उन्हें कितनी मदद मिल रही है।
उन्होंने कहा कि शिविर में जिन दिव्यांगजनों को मॉड्यूलर कृत्रिम अंग मिले हैं उनके जीवन में नई खुशियां आएंगी ऐसी मेरी आशा है। कार्यक्रम के प्रारंभ में यशोधरा राजे सिंधिया ने राजमाता विजयाराजे सिंधिया और अपने बड़े भाई कै. माधवराव सिंधिया के चित्र पर माल्यापर्ण किया। इसके बाद मंगलम पदाधिकारियों और संचालक मंडल ने माल्यापर्ण से सभी अतिथियों का स्वागत किया।
अपने स्वागत उदबोधन में मंगलम के सचिव राजेंद्र मजेजी ने बताया कि दिव्यांगजनों की सेवा के लिए समर्पित मंगलम संस्था की स्थापना कै. माधवराव सिंधिया और तत्कालीन कलेक्टर डीएस माथुर के प्रयासों से हुई और इसके बाद जब भी संस्था के लिए मदद की जरूरत हुई तो कै. माधवराव सिंधिया ने हमेशा सकारात्मक सहयोग दिया और इसी तरह संस्था के भवन हेतु यशोधरा राजे सिंधिया ने 6 लाख रूपए की राशि दी। आज मंगलम की सफलता में बहुत बड़ा श्रेय और योगदान सिंधिया राजपरिवार का है।
मुख्य अतिथि यशोधरा राजे सिंधिया ने अपने संबोधन में कहा कि राजनीति करना आसान है लेकिन सेवा करना मुश्किल और मंगलम संस्था सेवा के इस कार्य को बखूबी कर रही है। सिंधिया राजपरिवार का मक्सद राजनीति करना नहीं बल्कि राजनीति उनके लिए सेवा का माध्यम है। मेरी मां और मेरे बड़े भाई के संस्कारों को ही मैं राजनीति में आगे बढ़ा रही हूं। मैं भी सेवा के इस कार्य में अपना योगदान देना चाहती हूं और अपने फंड से कुछ न कुछ ऐसी मदद करना चाहती हूं। जिससे दिव्यांगजनों का जीवन संवर सके।
इस काम में मंगलम संस्था मुझे सहयोग करे। समारोह में मंगलम पदाधिकारियों और संचालक मंडल के सदस्यों ने यशोधरा राजे सिंधिया का शॉल श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया। आभार प्रदर्शन मंगलम के अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने किया। जबकि संचालन मंगलम के डायरेक्टर डॉ. अजय खैमरिया ने किया। इस मौके पर मंगलम संस्था के पदाधिकारी डायरेक्टर मौजूद रहे।
खेल मंत्री का डॉ गोविंद सिंह, डॉ शैलेंद्र गुप्ता, समाजसेवी महेंद्र गोयल, रामशरण अग्रवाल, एसकेएस चौहान, दीपक गोयल, अरविंद जैन, अशोक कोचेटा, जिनेंद्र जैन, हरिओम अग्रवाल, तेजमल सांखला, भरत अग्रवाल, महेश श्रीवास्तव, तुलसीदास विरमानी, अशोक खंडेलवाल, सुरेश गुप्ता, रंजीत गुप्ता, विकास शर्मा, संजीव भार्गव, डॉ दयाल राजपूत, जगदीश जाटव, घनश्याम ओझा, मातादीन, मुकेश ओझा, संतोष यादव, मस्तराम यादव, उदयपुर से आए नारायण सेवा संस्थान के मुकेश शर्मा एवं उनकी टीम ने स्वागत किया।
इससे पूर्व संस्था ने मंगलम परिसर में लगाया था चिन्हांकन शिविर
शुक्रवार को मंगलम परिसर में मंगलम और नारायण सेवा संस्थान के सहयोग से लगाए गए शिविर में 19 कटे हुए हाथ के दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग, 72 पैर कटे वालों को कृत्रिम अंग, 51 कैलीपर्स प्रदान किए गए। शिवपुरी की समाजसेवी संस्था मंगलम और नारायण सेवा संस्थान उदयपुर के द्वारा पिछले दिनों शिवपुरी में चिन्हांकन शिविर लगाया गया था जिसमें 500 से ज्यादा दिव्यांगजनों ने अपना परीक्षण कराया था। इस परीक्षण के उपरांत 35 दिव्यांगों के निशुल्क ऑपरेशन किए गए तथा 142 दिव्यांगजनों को चिन्हित कर उन्हें मॉडलर कृत्रिम अंग नारायण सेवा संस्थान उदयपुर के सहयोग से दिए गए हैं।