हैंडबॉल प्रतियोगिता: उम्र के विवाद के चलते देर रात घोषित हुआ रिजल्ट, समग्र आईडी की उम्र को लेकर आई थी आपत्ति

शिवपुरी। स्थानीय फिजिकल कॉलेज में खेली जा रही 66 वाँ स्टेट स्कूल हैंडबॉल प्रतियोगिता के तीसरे दिन उस समय विवाद को स्थिति निर्मित हो गई जब ग्वालियर संभाग की टीम में निर्धारित आयु से अधिक आयु वर्ग के खिलाड़ी छात्रों को खिलाए जाने संबंधी आरोप प्रतिस्पर्धी टीम अनुसूचित जनजाति विकास संभाग के टीम मैनेजर ने लगाते हुए लिखित प्रोटेस्ट दर्ज करा दिया।
इस विवाद के सामने आने के बाद स्थिति यह बनी की देर शाम मिनी वर्ग के इस सेमी फाइनल मैच के परिणाम घोषित करने से निर्णायक कमेटी ने इंकार कर दिया और नतीजे आरोपों की जांच के उपरांत ही घोषित करने की बात कही। हालांकि घण्टों की कवायद के बाद रात 8 बजे दस्तावेजों की जांच उपरांत ग्वालियर को विजयी घोषित याँ किया गया मैच में अधिका आयु के खिलाड़ी उतारे जाने संबंधी लिखित आरोप सामने आने के बाद स्कूल शिक्षा विभाग भोपाल को भी स्थानीय अधिकारियों ने इस पूरे मामले की रिपोर्टिंग की। भोपाल से अधिकारीयो के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ।
आखिर क्या था मामला
64 वी हँडबॉल प्रतियोगिता के तीसरे दिन सेमी फाइनल मैच चल रहे थे देर शाम ग्वालियर संभाग की मेजबान टीम का मुकाबला अनुसूचित जनजाति विकास विभाग को 14 वर्ष आयु वर्ग बालक टीम के साथ जैसे ही शुरू हुआ और कुछ देर मैच का चला, इसी बीच आदिवासी विकास विभाग की टीम के दल प्रबंधक आरएस गढ़वाल ने ग्वालियर की टीम में 14 वर्ष से अधिक आयु संवर्ग के तीन खिलाड़ी फर्जी तरीके से खिलाए जाने संबंधी शिकायत टेवल पर दर्ज कराई।
इन्होंने जिन तीन खिलाड़यों के नाम प्रोटेस्ट किया उनमें गुरप्रीत सिंह तनिष्क रघुवंशी और सेजपाल सिंह की आयु की पुष्टि कराए जाने की मांग की। प्रोटेस्ट राशि के तौर पर शिवपुरी की आयोजन समिति के निर्णय अनुसार पहले 21 सौ रुपए की राशि जमा कराई गई। मगर एसजीएफआई के नियमानुसार प्रोटेस्ट राशि अधिकतम 11 सो रुपए होती है यह तथ्य सामने आने के बाद जिला खेल अधिकारी महेन्द्र तोमर ने 1000 रुपए वापस कराए।
8 बजे विजयी घोषित हुआ ग्वालियर
अधिकारी अशोकनगर जिला खेल अधिकारी अशोकनगर संकुल प्राचार्य तथा सहायक संचालक खेल लोक शिक्षण सम्भाग ग्वालियर के सीन सहित हस्ताक्षर थे। उक्त छात्र मुस्कान पब्लिक स्कूल अशोकनगर का छत्र था। प्राचार्य मनोज निगम का कहना है कि समय की आईडी प्रमाणिक नहीं कही जा सकती।
जब इस पूरे प्रकरण की जांच सरसरी तौर पर की गई तो उक्त तीन में से एक छात्र तनिष्क रघुवंशी के पात्रता प्रमाण पत्र में दर्ज समग्र छात्र आईडी में इस छत्र की आयु 15 वर्ष पाई गई। उसका जन्म दिनांक 14 जनवरी 2007 लिखा हुआ था जबकि इसके पात्रता प्रमाण पत्र में जन्म तिथि 14 जनवरी 2009 लिखी हुई थी और इस पर जिला शिक्षा
कॉलेज के मकचाना और जगदीश मकवाना डीएसओ प्राचार्य फिजिकल एमएस तोमर ने बताया कि तीनों खिलाड़ियों के संबंधित शालाओं से भर्ती रिकॉर्ड ऑनलाइन मंगवाए जाकर उनकी गहन जांच की गई यह जांच इसलिए कराई गई क्योंकि पात्रता प्रमाण पत्र और छात्र की समग्र आईडी में अलग अलग तिथि उल्लेखित थीं। तकनीकी समिति के सदस्यों का कहना है प्रोटेस्ट गलत साबित हुआ राशि राजसात कर ली गई है और परिणाम में ग्वालियर विजयी घोषित किया गया।
