सकलपुर सिद्ध पीट मंदिर से 6 बोरी नोट चोरी, ड्यूटी पर तैनात शिवपुरी के 5 आरक्षक संस्पेड

शिवपुरी। खबर सीहोर जिले की है, जहां सीहोर जिले के एक प्रमुख देवी मंदिर में बड़ी चोरी की घटना हुई है। बताया गया है कि सककनपुर देवी मंदिर से चोरों ने नोटों से भरी बोरियां गायब कर दी थी। इस मंदिर ट्रस्ट के प्रमुख महेश उपाध्याय के अनुसार मामला सुबह करीब साढ़े चार बजे सामने आया। सीसीटीवी में दो लोगों को नकदी से भरी 5-6 बोरी चोरी करते देखा जा सकता है। मंदिर के बाहर भी दो बोरे बरामद हुए हैं. प्रत्येक बोरी में लगभग 2 लाख रुपये होते हैं। जिसके चलते अनुमान है कि इसमें 8 लाख रूपए की चोरी हुई है। हालांकि, उसी स्ट्रांग रूम में रखे गए कीमती आभूषण की चोरी नहीं हुई है।
इस मामले में पुलिस ने घेराबंदी कर मामले की जांच प्रांरभ कर दिया है। बताया गया है यह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का ग्रह जिला भी है। जिसके चलते पुलिस सक्रिय हुई और घेराबंदी कर मामले की जांच में जुट गई है।
इस घटना का शिवपुरी से भी संबंध सामने आया है। इस दौरान शिवपुरी की 18 बीं बटालियन में पदस्थ 5 आरक्षकों को इस मंदिर की सुरक्षा पर तैनात किया गया था। परंतु यह सभी अपने कर्तव्य को भूलकर कही चले गए थे। और इसी दौरान यह घटना घटित हो गई। जिसके चलते सीहोर पुलिस अधीक्षक मंयक अवस्थी ने एक प्रधान आरक्षक लालसिंह सहित 4 आरक्षक आलोक भदौरिया,गौरव गुर्जर,श्याम सिंह मरकाम, पुष्पराज शर्मा जो कि शिवपुरी 18 वीं बटालियन शिवपुरी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वारदात सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात करीब 2 बजे की है। दो नकाबपोश मंदिर के पीछे भक्तों के लिए बनी रैलिंग को कूदकर वीआईपी गैलरी में पहुंचे। यहां से वह गेट का ताला तोडक़ऱ मंदिर के अंदर पहुंचे और इसके बाद उन्होंने एक रॉड से स्ट्रॉन्ग रूम का ताला तोड़ा और अंदर प्रवेश कर नोटों से भरी सात बोरियों को उठाकर बाहर निकल आए।
नकाबपोश बदमाश बाहर देवी दर्शन के लिए प्रवेश करने वाले रास्ते से निकले, वहां पर भी ताला था, जिसे तोडऩे की कोशिश की गई, लेकिन ताला नहीं टूटा तो उन्होंने नोटों से भरी एक बोरी को वहीं पर छोड़ दिया और शेष बोरियां लेकर वे दूसरे रास्ते से बाहर निकले। इस दौरान वीडियो फुटेज में दिखाई दे रहा है कि चोरों ने मातारानी के सामने शीश भी झुकाया। हालांकि इस दौरान उनके पैरों में जूते दिखाई दे रहे हैं। नकाबपोश चोरों ने चोरी करने के बाद भागने के लिए जंगल में बने पगडंडी के रास्ते को चुना, यह रास्ता रोप-वे के पीछे से निकलता है। चोरों ने यहां पर भी एक नोटों से भरी बोरी को छोड़ दिया।