SHIVPURI में डॉक्टर ने प्रसूता को थाने में बंद कराने की दी धमकी: अस्पताल के बाहर आदिवासी महिलाओं ने कराई डिलेवरी

शिवपुरी। खबर जिले के रन्नौद स्वास्थ्य केंद्र से आ रही है। जहां अस्पताल के बाहर एक प्रसूता ने बच्चे को जन्म दिया। डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ मदद के लिए नहीं पहुंचे। आदिवासी महिलाओं ने डिलीवरी कराई। डॉक्टर का कहना है कि प्रसूता को जिला अस्पताल रेफर कर दिया था। एम्बुलेंस भी पहुंच गई थी, लेकिन परिजन उसे लेकर जिला अस्पताल रवाना नहीं हुए।
जानकारी के अनुसार शंकरपुर की रहने वाली हृदेश आदिवासी उम्र 22 साल को डिलीवरी के लिए रन्नौद के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया था। परिजन गुड्डन आदिवासी ने बताया कि यहां से जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। पैसों की व्यवस्था नहीं होने के कारण समय पर जिला अस्पताल नहीं जा सके। रात 9 बजे हृदेश को प्रसव पीड़ा होने लगी। डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ से डिलीवरी कराने की गुहार लगाई तो स्टाफ ने थाने में बंद कराने की धमकी दी। इसके चलते अस्पताल के बाहर ही डिलीवरी कराना पड़ी।
रन्नौद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉ. अक्षय शर्मा का कहना है कि प्रसूता को बुधवार शाम 6 बजे लाया गया था। जांच के दौरान प्रसूता का हीमोग्लोबिन महज 6 ग्राम था। जबकि हीमोग्लोबिन की मात्रा 11 ग्राम होनी चाहिए थी। 9 या 10 हीमोग्लोबिन होने पर एक बार डिलीवरी की जा सकती थी।
मल्टी ग्रेविडा के साथ गंभीर एनीमिया होने के चलते और गाइडलाइन के तहत जिला अस्पताल रेफर किया गया था। एम्बुलेंस भी बुला ली गई थी, लेकिन परिजन राजी नहीं हुए। एम्बुलेंस करीब एक घंटे प्रसूता को ले जाने के लिए खड़ी रही। इसके बाद एक्सीडेंट केस आने के चलते एम्बुलेंस चली गई। उसी समय अस्पताल में दूसरा डिलीवरी केस आ गया, जिसमें स्टाफ व्यस्त हो गया था।