पोहरी तहसीलदार प्रेमलता पाल पर आरोप: पैसे नही दे रहे तो EWS के फार्म रिजेक्ट कर रही है, CM HELPLINE में शिकायत

पोहरी। जब से पोहरी तहसीलदार का चार्ज पोहरी तहसीलदार प्रेमलता पाल ने संभाला है तब से ही वह जिले में ईडब्लयूएस के फार्मो को रिजेक्ट करने को लेकर चर्चा में है। पोहरी सहित बैराड का चार्ज होने के चलते इनके द्धारा सभी सामान्य वर्ग के लोगों के फार्म रिजेक्ट किए जा रहे है। ऐसा ही मामला आज उस समय प्रकाश में आया जब एक युवक ने इसे लेकर सीएम हेल्पलाईन लगा दी।
सीएम हेल्पलाईन में शिकायत करते हुए सुरभि गुप्ता निवासी भटनावर ने बताया है कि वह आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के इडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र के लिए लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन किया गया था। उक्त आवेदन.पत्र के साथ सुरभि ने आय प्रमाण पत्र ग्राम पंचायत का भवन प्रमाणीकरण, शपथ पत्र, मूल निवासी प्रमाण पत्र व अन्य सभी आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत किए गए थे, किन्तु तहसीलदार पोहरी प्रेमलता पाल द्वारा उक्त आवेदन पत्र बिना किसी आधार के यह कहते हुए निरस्त कर दिया गया कि ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र हेतु आय व संपत्ति संबंधी स्पष्ट प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया गया है।
इसके साथ ही ककरौआ निवासी गौरव शर्मा ने शिकायत करते हुए बताया है कि उनका क्षेत्र बैराड में आता है। परंतु बैराड तहसीलदार सुनील प्रभास छुट्टी पर होेने के चलते बैराड का चार्ज भी इन्ही पर है। जब पटवारी की रिपोर्ट और अन्य सभी कागजात सही होेने के बाद भी मैडम के कर्मचारीयों को पैसे नहीं देने के चलते उन्होंने उसका भी ईडब्ल्यूएस का फार्म रिजेक्ट कर दिया है। अब इस फार्म में पुन: आवेदन में लंबे पापड बेलने होते है। अब वह करे तो क्या करे।
सुरभि गुप्ता नरे भी शिकायत करते हुए बताया है कि उन्होंने ईडब्लयूएस फार्म में सभी आवश्यक दस्तावेज आवेदन के साथ संलग्न किए गए थे। ग्राम पटवारी द्वारा जांच उपरांत लगायी गयी रिपोर्ट को भी दरकिनार करते हुए तहसीलदार पोहरी द्वारा आवेदन पत्र निरस्त किए गए हैं। वस्तुस्थिति यह है कि तहसील पोहरी में ईड्ब्ल्यूएस प्रमाण पत्र के सवर्ण गरीब आवेदकों के सभी आवेदन पत्र इसी आधार पर निरस्त कर दिए जाते हैं। जबकि आवेदकों द्वारा सभी आवेदन पत्रों के साथ संपूर्ण आवश्यक दस्तावेज संलग्न किए जाते हैं।
उक्त प्रमाण पत्र एक वर्ष के लिए वैलिड होता है। जिस आवेदक का एक बार प्रमाण पत्र जारी हो जाता है, उसकी वैलिडिटी समाप्त होने पर आवेदक द्वारा पुनः आवेदन.पत्र प्रस्तुत करने पर भी आवेदन.पत्र निरस्त किए जा रहे हैं। यदि आवेदक पिछले वर्ष ईल्ब्ल्यूएस हेतु पात्र था, जिनके पूर्व तहसीलदार द्वारा प्रमाण.पत्र जारी किए गए, तो एक वर्ष पश्चात उक्त आवेदन कैसे अपात्र हो गए एवं किस आधार पर उनके आवेदन पत्र निरस्त किए गए।
शासन द्वारा कार्यालयों में आवेदक परेशान न हो इस हेतु ऑनलाईन सुविधा दी जा रही हैं। ऑनलाइन आवेदन करने के बाद भी सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने के बाद पटवारी जांच उपरांत भी पैसे न देने के कारण निरस्त कर दिया जाता हैं। उक्त तहसीलदार प्रेमलता पाल एवं उनके संविदा ऑपरेटर रवि जाटव द्वारा पैसों की मांग की जाती हैं। जो आवेदक पैसे दे देता है उनका प्रमाण पत्र बना दिया जाता है। जो नहीं देता है। उनका प्रमाण पत्र नहीं बनाया जाता है। चाहे आप कितनी बार आवेदन कर लो।
कई आवेदकों के चार-चार बार आवेदन करने पर उन्हें निरस्त कर दिया जाता हैं। जब पैसे दे दिये जाते हैं, तो पांचवी बार आवेदन करने पर प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है। कई अपात्र लोगों के भी पैसे लेकर ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र बना दिया जाता है। पूर्व में इन तहसीलदार मैडम का कार्यकाल भ्रष्टाचार युक्त रहा है। शिकायत में पीडिता ने तहसील पोहरी में EWS प्रमाण पत्र के सभी निरस्त किए गए आवेदन पत्र की जांच करायी जावे तथा निराधार पटवारी द्वारा अपना जांच प्रतिवेदन देने के बाद भी पात्र आवेदकों के निरस्त किए गए आवेदन पत्रों के संबंध में संबंधित दोषियों के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जावे एवं तहसीलदार प्रेमलता पाल एवं संविदा ऑपरेटर को निलंबित करने की मांग की है।
इनका कहना है
यह मामला तो तहसीलदार मेडम के अंडर में ही आता है। अब वह फार्म रिजेक्ट क्यों कर रही है इसके पीछे की बजह तो वह ही बता पाएंगी। आप उनसे बात कर ले।
राजन बी नाडिया,एसडीएम पोहरी