काव्या की कहानी:रशिया में करना चाहती थी MBBS की पढ़ाई इसलिए रची खुद के अपहरण की साजिश, पिता से मांगी थी 30 लाख की फिरौती

शिवपुरी। जिले के बैराड़ की काव्या धाकड़ ने खुद के अपहरण की साजिश रचकर अपने ही पिता से 30 लाख रूपए की फिरौती की मांग की थी। इस मामले में एक के बाद एक खुलासा हो रहा है। इसकी शुरूआत झूठ और फिरौती से हुई। इस मामले में काव्या को पुलिस ने इ्ंदौर से उसकी सहेली के घर से अपने साथ ले गई थी। काव्या ने बताया कि उसने अपने पिता से 30 लाख रूपए की फिरौती लेने का षडयंत्र इसलिए रचा था क्योंकि बह रूस में जाकर एमबीबीएस की पढ़ाई करना चाहती थी।
जानकारी के अनुसार कोटा पुलिस अधीक्षक डॉ. अमृता दुहान ने बताया कि काव्या ने साल 2021 को इंदौर में कोचिंग की थी। साल 2022 में उसे एक लड़का परेशान कर रहा था तो वह घर पर ही रही। परिजन काव्या को कोचिंग में एडमिशन करवाने के लिए कोटा लेकर आए। कोटा में काव्या को छोड़कर परिजन वापस चले गए। इसके बाद काव्या दो-तीन दिन रही। उसका मन नहीं लगा तो वह इंदौर चली गई, लेकिन घर नहीं गई। उसने परिजनों को नहीं बताया कि उसने कोटा में किसी कोचिंग में एडमिशन नहीं लिया। जबकि यही कहा कि उसका एडमिशन कोटा में हो गया है।
काव्या उसके दोस्त हर्षित के साथ इंदौर में ही कोचिंग में पढ़ने लगी। परिजनों ने उससे पूछा कि पढ़ाई कैसी चल रही है। तो उसे लगा कि उसके परिजन नाराज होंगे। उसका सलेक्शन नहीं हो सकता। उसने यू ट्यूब देखकर अपना ही अपहरण का प्लान बनाया था। काव्या ने उसके दोस्त हर्षित व बिजेंद्र के साथ उसके ही अपहरण करने का प्लान बना दिया। इस प्लान के अनुसार उसके पिता को उसके अपहरण के झूठे फोटो भेजे व फिरौती के रूप में 30 लाख रुपए मांगे थे। काव्या को लगता था कि 30 लाख रुपए में उसका रशिया में एमबीबीएस हो जाएगा। एमबीबीएस करने के बाद वह माता-पिता को सारी बात बताती।
काव्या, हर्षित, बिजेंद्र ने डेढ़ माह पहले पूरा प्लान बनाया। अपहरण के लिए कोटा के आसपास की जगह चुनना था। इसके लिए उन्होंने जयपुर जाने की लोकेशन तय की। इंदौर में ही अपहरण के झूठे फोटो लिए। उसके बाद 17 मार्च को काव्या व हर्षित ट्रेन से इंदौर से जयपुर के लिए निकल गए। 18 मार्च को दोनों ने एक नया मोबाइल सिम लिया। इसी सिम के नंबर से काव्या व हर्षित ने उसके पिता को अपहरण के फोटो व मैसेज सेंड किए। मैसेज में 30 लाख रुपए फिरौती मांगी थी। यह मैसेज 18 मार्च को ही कोटा में वायरल हुआ था। मैसेज पिता को मिलते ही वह घबरा गए और कोटा पुलिस को सूचित किया। पिता व अन्य परिजन कोटा पहुंचे और पुलिस को पूरी जानकारी दी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर काव्या की तलाश शुरू कर दी थी।
जयपुर से पिता को मैसेज व फोटो डाले तो अपहरण की खबर सब जगह फेल गई। दोनों को लगा कि बात बढ़ गई है। दोनों घबरा गए और 19 मार्च को दोनों पहली ट्रेन से ही चंडीगढ चले गए। वहां से अमृतसर चले गए। दोनों के पास रुपए कम थे। इस कारण वह अमृतसर में स्वर्ण मंदिर रहे। वहां रहना और लंगर मुफ्त था। इस दौरान उन्हें गलती का अहसाह हुआ तो 28 को वापस इंदौर आ गए। 29 मार्च को इंदौर में उन्होंने खुड़ैल थाना क्षेत्र में शिवाजी वाटिका के पास एक कमरे ले लिया। तब से वह किराए के कमरे में रह रहे थे।