अतिक्रमण विरोधी कार्यवाही में पक्षपात का आरोप: विधायक कुशवाह के पहुंचने पर SDM ने सरपंच की 150 बीघा जमींन से अतिक्रमण नहीं हटाया,आम पब्लिक का साफ कर दिया

शिवपुरी। खबर जिले के बैराड क्षेत्र के ग्राम पंचायत खैरारा बनवारी पुरा से आ रही है। जहां माननीय न्यायालय के आदेश पर अतिक्रमण हटाने गई टीम पर भेदभाव के आरोप लग रहे है। यह आरोप लग रहे है कि विधायक कैलाश कुशवाह के हस्तक्षेप के बाद प्रशासन ने सरपंच को तो अभयदान दे दिया। जबकि आम पब्लिक के कब्जे से जमींन को मुक्त करा लिया।

जानकारी के अनुसार खैरारा बनवारी पुरा गांव में लगभग 600 बीघा जमींन पर ग्रामीणों ने अतिक्रमण जमा लिया था। यह मामला माननीय हाईकोर्ट के समक्ष पहुंचा तो माननीय हाईकोर्ट ने इस जमींन को कब्जा मुक्त कराने का प्रशासन को आदेश दिया। इसी के चलते आज एसडीएम पोहरी के नेतृत्व में आज तहसीलदार और पूरा प्रशासनिक अमला यहां अतिक्रमण हटाने पहुंचा।

ग्रामीणों का आरोप है कि इस कार्यवाही के दौरान प्रशासन ने लगभग 150 बीघा जमींन को अतिक्रमण से मुक्त कराते हुए ग्रामीणों ने लगा रखे तार मुड्डी और अन्य अतिक्रमण के सामान को हटाते हुए इस जमींन को अतिक्रमण मुक्त करा लिया। परंतु तभी नंबर खैरारा बनवारी पुरा के सरपंच की जमींन का आया तो वहां पोहरी विधायक कैलाश कुशवाह पहुंच गए।

ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच रूपा कुशवाह और नंदकिशोर कुशवाह के सजातीय होने के चलते विधायक ने इस मामले में हस्तक्षेप किया और इसी हस्तक्षेप के चलते प्रशासन ने सरपंच के मकान और लगभग 150 बीघा जमींन पर जमें अतिक्रमण को छोड दिया। बताया जा रहा है कि जब इस संबंध में एसडीएम से मीडिया ने प्रतिक्रिया चाही तो उन्होंने भी कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी।

इनका कहना है
में विवाद की स्थिति को देखते हुए वहां गया था। जिसके चलते मेने कुछ देर के लिए इस मामले को शांत करने के लिए रौकने के लिए कहा था। अतिक्रमण कोई भी करेगा तो वह विधानसभा क्षेत्र में वर्दास्त नहीं होगा। अभी 8 बजे मेरे पास ​वीडियों आई है। जिसमें 8 बजे तक टीम अतिक्रमण हटा रही है। यह पक्षपात का जो आरोप है वह पूरी तरह से निराधार है। अतिक्रमणधारी से हमारे कोई संबंध नहीं है और न कभी होगे।
कैलाश कुशवाह,विधायक पोहरी।

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