बिजली विभाग के सुपरवाईजर को रिश्वत में नहीं दिए 15 हजार तो काटी 5 गांव की लाईट, चक्काजाम

खनियांधाना। खबर जिले के खनियांधाना तहसील के ग्राम बुधौन राजापुर में आस पास के करीब पांच गांव के सैकड़ो ग्रामीणों ने राजापुर चौराहा पर मुख्य राज मार्ग को जाम कर दिया और विद्युत विभाग के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगा कर चक्का जाम कर दिया। इस मामले की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। परंतु ग्रामीणों कुछ भी सुनने तैयार नहीं हुए।

जानकारी के अनुसार ग्राम राजापुर में करीब दो माह से ट्रांसफार्मर खराब पड़ा हुआ है जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने कई बार संबंधित अधिकारियों से भी की और 181 पर भी की पर आज तक कोई कार्यवाही नही की गई ग्रामीणों ने बताया कि लाइट न होने की बजह हम लोगों को करीब 20 किलोमीटर दूर गेंहू पिसवाने जाना पड़ता है और पीने के पानी की भी समस्या बनी हुई है।

साथ ही बच्चे पढ़ाई नही कर पा रहे है एवं दीवाली का त्यौहार आ गया है। जिससे ब्यापारी बर्ग के लोग परेशान है किसानों को भी फसल की बोबनी में परेशानी हो रही है जब ग्रामीणों ने इस समस्या के बारे में जेई सुमित वर्मा से बात की तो जेई साहब का कहना था कि आप लोग विल जमा करा दें और साथ मे रिश्वत के 15 हजार रुपये दें तो और आपकी समस्या का समाधान कर दूंगा।

जिससे परेशान हो कर ग्रामीणों ने सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत की पर कोई कार्यवाही नहीं हुई जिसकी बजह से आज सैकड़ों ग्रामीणों ने विद्युत विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और मुख्य राजमार्ग खनियाधाना गुना शिवपुरी हाईवे पर चक्का जाम कर दिया साथ ही जब तक इस समस्या का समाधान नहीं होता है। तब तक लोग चक्का जाम नहीं खोलेंगे यह भी कहते ग्रामीण दिखे जैसे ही चक्का जाम की सूचना मायापुर थाना प्रभारी को लगी तो पुलिस मय दल बल के साथ मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाइश दी कि आप लोग चक्का जाम खोल दें हम सभी मिलकर आपकी समस्या का समाधान करेंगे।

पर ग्रामीण अपनी जिद पर अड़े रहे जिसकी सूचना माया पर पुलिस ने विद्युत विभाग को दी तो विद्युत विभाग के सुपरवाइजर सुमित वर्मा एवं अन्य स्टाफ मौके पहुंचने को कहा गया और विद्युत विभाग के आला अधिकारी लापरवाही करते हुए मौके पर घंटे बाद पहुंचे इसके पश्चात मायापुर पुलिस ने द्वारा ग्रामीणों को समझाइश दी तो ग्रामीणों ने चक्का जाम खोल दिया फिलहाल विद्युत विभाग के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं और कार्यवाही जारी है।

अब देखना यह है कि ग्रामीणों की समस्या का समाधान कब तक किया जाता है और रिश्वत के तौर पर सुपरवाइजर सुमित वर्मा के द्वारा 15 हजार रुपये लिए जाते हैं या फिर ट्रांसफार्मर ऐसे ही बदल दिया जाता है यह बहुत बड़ा सवाल बना हुआ है।

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