THR घोटाला: कोलारस में अकेली पूजा स्वर्णकार ने किया है 4 करोड का घोटाला, फिर भी नहीं मान रही अधिकारी, सील और फॉटो कॉपी पर भी कमीशन

सतेन्द्र उपाध्याय @ शिवपुरी। जिले की 9 परियोजनाओं में सबसे ज्यादा घोटाला किशोरी बालिकाओं के लिए मिलने बाला आंगनवाडी केन्द्र पर पैकेट के रूप में खिचडी हलुआ,बेसन लड्डू,सोया बर्फी, आदि में देखने ​को मिल रहा है। जिले में किसी भी परियोजना के किसी भी आंगनवाडी केन्द्र पर किशोरी बालिकाओं का कोई भी बेस लाईन सर्वे रिकॉर्ड रजिस्टर या पत्रक द्धारा उपलब्ध नहीं है। सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार कोलारस परियोजना में मेडम पूजा स्वर्णकार द्धारा 2018 से 2022 तक न तो कोई पंचनामा बनाया गया है और न ही कोई वितरण पत्रक है। अब ऑडिट रिपोर्ट आने के बाद कोलारस परियोजना में चार करोड रूपए का टीएचआर घोटाला ऑडिट रिपोर्ट में निकाला है।

इसमें आंगनवाडी केन्द्र पर मिलने बाला बच्चों का टीएचआर,गर्भवती धात्री एवं जो स्कूल छोड चुकी गरीब बालिकाएं जो मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की भांजीयां है। उनको आंगनवाडी केन्द्र पर टीएचआर पैकेट के रूप में दिया जाता है। सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार किशोरी बालिकाओं के टीएचआर में ही पाया गया है।

अब जिले की सभी 9 परियोजना और जिले के ​महिला बाल विकास विभाग के सभी कार्यालयों में सभी अधिकारी कर्मचारी बाबू सुपरवाईजर,आंगनवाडी कार्यकर्ता,एवं ऑपरेटर को सभी काम को छोडकर सिर्फ और सिर्फ दिन और रात टीएचआर का रिकॉर्ड काला ​पीला करने में लगा दिया है। अब बात करें कोलारस की तो कोलारस की अधिकारी पूजा स्वर्णकार अपने कार्यालय में आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को बुलाकर यह फर्जी रिकॉर्ड बनाबा रही है।

इसके साथ ही महिला बाल विकास विभाग शहरी क्षेत्र में कार्यालय पर बुलाने से पत्रकारों के आने का डर बना हुआ है। जिसके चलते शहरी क्षेत्र की आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को सदर बाजार स्थिति शासकीय स्कूल में बुलाया जा रहा है। साथ ही फिक्स कर दिया है कि वह रजिस्टर भी अपने पैसे से खरीदकर लाए और इन रजिस्टरों में फर्जी एन्ट्री कर इसकी फोटों कॉपी भी मात्र पारस की दुकान से कराकर दे।

इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में सुपरवाईजर ओझा जो फतेहपुर क्षेत्र में निवास करती है अब वह आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को अपने घर पर बुलाकर कालापीला करा रही है। हद तो करैरा में उस समय हो गई जब परियोजना अधिकारी इतने बडे भ्रष्टाचार के बाद भी जब जांच चल रही है तब भी नहीं मान रही उसने सभी आंगनवाडी कार्यकताओं को बुलाकर रजिस्टर पर लगने बाली सील बनाने का आदेश दिया। अब सील बनाना तो ठीक है परंतु मेडम ने आदेश दिया कि यह ​सील भी सिर्फ एक ही दुकान से बनवानी है। जो सील बाजार में 100 रूपए में बन रही है इस सील पर भी 50 ​रूपए कमीशन के नहीं छोडे जा रहे और यह सील कार्यकर्ताओं को 150 रूपए में जबरन बनाकर थमाई जा रही है।

कुल मिलाकर भले ही भ्रष्टाचार के इस पूरे काण्ड के बाद अधिकारीयों की रात की नींद भले ही हराम हो गई है। परंतु इनकी भ्रष्टाचार की नियत में कोई बदलाब नहीं हुआ है। शहरी में फोटोकॉफी में कमीशन फिक्स किया है तो करैरा में सील पर भी कमीशन तय कर दिया है। आंगनवाडी कार्यकर्ता बेचारी भूखी प्यासी रहकर सुबह से रात 11 बजे तक इनसे इस रिकॉर्ड को काला पीला कराया जा रहा है।

ऐसे समझे क्या है टीएचआर
टीएचआर की फुल फॉम टेक होम राशन है। यह राशन टीएचआर प्लांट मेें तैयार होकर ट्रक के माध्यम से जिले की ​सभी परियोजनाओं में मय बिल बिल्टी,बाउचर,परिवहन कर्ता के द्धारा सभी परियोजनाओं के गौदामों में पहुंचाकर परियोजना अधिकारी को सुपुर्द किया जाता है। फिर परियोजना अधिकारी अधीनस्थ बाबू की जिम्मेदारी के साथ आंगनवाडी केन्द्र पर पैकेट के रूप में पहुंचाते है। जिसमें टेक हॉम राशन के बेग,हलुआ, बाल आहार,गेंहू सोयाबर्फी,किशोरी बालिकाओं के लिए गेंहू सोया बर्फी और खिचडी परिवहन कर्ता और आंगनवाडी कार्यकर्ता पत्रक पर भरकर हस्ताक्षर करके देना होता है। ​लेकिन यह किसी भी आंगनवाडी केन्द्र पर न तो पंचनामा है और नही प​त्रक मौजूद है।

इस मामले का खुलासा भले ही मुख्य सचिव अशोक शाह ने किया है। परंतु उनके अधीनस्थ कलेक्टर और जिला परियोजना अधिकारी इस मामले में जांच तो दूर नोटिस जारी करने से भी परेज कर रहे है। ​शिवपुरी कलेक्टर इतने बडे घोटाले में भी कोई ​​रूचि नहीं दिखा रहे है। इस मामले में मुख्य सचिव से भी बात की तो उन्होने शिवपुरी कलेक्टर से बात करने की कहा। अब अगर कलेक्टर शिवपुरी आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को बुलाकर अगर बिना भय और ​कार्यवाही नहीं होने का आश्वासन देकर पूछताछ करें तो यह पूरा मामला दूध की तरह सफेद दिखाई देने लगेगा।

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