शिवपुरी जिले के पांचों विधायकों ने ली भोपाल में शपथ,चारों मंत्री पद की रेस में,पढिए चारों का क्या है समीकरण…

सतेन्द्र उपाध्याय@ शिवपुरी। आज भोपाल में विधानसभा में शिवपुरी जिले की पांचों विधानसभाओं से निर्वाचित विधायक पहुंचे और सभी नवनिर्वाचित विधायकों ने गोपनीयता की शपथ ली। मध्यप्रदेश की 16 वीं विधानसभा में शिवपुरी जिले से चार भाजपा और एक कांग्रेस के विधायक पहुंचे है। इस विधानसभा में शिवपुरी से पहुंचे पांच विधायकों में से तीन तो पहले भी विधायक रह चुके है। बांकि दो विधायक पहली बार विधानसभा पहुंचे है। जिन्हें विधानसभा में गोपनीयता की शपथ दिलाई गई।

जिसमें पोहरी विधानसभा से कांग्रेस के चुने गए विधायक कैलाश कुशवाह पहली बार विधायक निर्वाचित हुए है। इसके साथ ही भाजपा ने पिछोर में कांग्रेस के गढ में सेंध लगाते हुए यहां से प्रीतम लोधी पहली बार विधानसभा पहुंचे है। दोनों ही विधायक पूर्व में भी चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन इस बार उनके किस्मत के सितारे चमके और उन्हें जीत हासिल हुई। वहीं शिवपुरी से भाजपा विधायक देवेंद्र जैन, करैरा से भाजपा विधायक रमेश खटीक और कोलारस से भाजपा विधायक महेंद्र यादव ने आज शपथ ली है। तीनों विधायक पूर्व में भी विधायक रह चुके हैं। जिसमें महेन्द्र यादव के पिता स्व रामसिंह यादव भी विधानसभा में जा चुके है।

शिवपुरी से देवेन्द्र जैन का यह है समीकरण
अब विधायक की शपथ के बाद अब मंत्री पद पर पूरे प्रदेश की निगाहे टिकी हुई है। जिसमें शिवपुरी जिले से भाजपा के चारों विधायक अपने अपने स्तर से मंत्री पद की रेस में माने जा रहे है। जिसमें सबसे पहले हम बात करें शिवपुरी विधानसभा की तो शिवपुरी विधानसभा से देवेन्द्र जैन ने कांग्रेस के दिग्गज नेता केपी सिंह कक्काजू को बडे अंतर से हराकर मंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की है। देवेन्द्र जैन इससे पहले भी कोलारस विधानसभा से भी विधायक रह चुके है अब दो बार के विधायक होने के चलते और शिवपुरी जिले से एक मंत्री बनने के कयासों के बीच अनुमान लगाया जा रहा है कि उन्हें मोहन सिंह यादव के मंत्रीमण्डल में जगह मिल सकती है।

कोलारस से महेन्द्र यादव भी रेस में सबसे आगे
अब बात करते है शिवपुरी जिले की सबसे ज्यादा चर्चित विधानसभा कोलारस की। इस विधानसभा से भाजपा ने सिंधियानिष्ठ महेन्द्र यादव को टिकिट दिया था। जहां सभी लोग उनके चुनाव को बहुत नजदीकी मानकर हारजीत के बीच का फांसला कम होने के दाबे कर रहे थे। परंतु रिजल्ट ने सभी को चौका दिया। यहां से भाजपा के प्रत्याशी महेन्द्र यादव ने कांग्रेस के बैजनाथ सिंह यादव को 51 हजार मतों के बडे अंतर से परास्त कर दिया। उसके बाद अब महेन्द्र यादव सिंधियानिष्ठ नेता माने जाते है और अब माना जा रहा है कि सिंधिया के कोटे अगर मंत्रीमण्डल में जगह मिलती है तो उनका मंत्री बनना तय माना जा रहा है। महेन्द्र यादव के पिता कोलारस से विधायक रहे है और अब उनका बेटा महेन्द्र यादव यहां से दूसरी बार निर्वाचित होकर विधानसभा में पहुंचे है।

पिछोर से प्रीतम लोधी भी चल रहे है रेस में
अब बात पिछोर विधानसभा की करें तो यहां से भाजपा प्रत्याशी प्रीतम लोधी ने कांग्रेस के अरविंद लोधी को पराजित करते हुए जीत हासिल की है। इस विधानसभा पर बीते 30 साल से कांग्रेस का कब्जा था। यहां से लगातार 6 बार से केपी सिंह कक्काजू विधायक रहे है। परंतु इस चुनाव में कक्काजू ने यह सीट छोडकर शिवपुरी विधानसभा का रूख किया और वह शिवपुरी से भी चुनाव हार गए। अब मंत्री मण्डल की बात करें तो उनके मंत्री बनने की संभावना इसलिए ज्यादा प्रबल बन रही है क्योकि इस बार लास्ट समय पर मुख्यमंत्री पद की रेस से प्रहलाद पटेल का नाम कट गया। प्रदेश में लोधी वोट बैंक को साधने के लिए भाजपा प्रीतम लोधी पर विचार कर सकती है। प्रीतम लोधी पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के भी खास माने जाते है साथ ही उनका भतीजा राहुल लोधी भी चुनाव हार गया। जिसके चलते अब प्रीतम लोधी को लेकर कयास लगाए जा रहे है। हांलाकि कल खबर यह आई है कि भाजपा ने पहली बार के विधायकों को मंत्रीमण्डल में जगह नहीं दी जाएगी।

करैरा से रमेश खटीक भी मंत्री मण्डल की दौड में
शिवपुरी जिले की करैरा विधानसभा की अगर बात करें तो यह विधानसभा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। रमेश खटीक दूसरी बार विधानसभा पहुंचे है इससे पहले यह करैरा से ही विधायक रहे है। रमेश खटीक को यहां से टिकिट संघ के रूप में दिया गया था। जिसके चलते यह संघ की पहली पसंद है। अब अगर मंत्रीमण्डल में गठन में संघ का हस्तक्षेप रहा तो रमेश खटीक का नाम सबसे उपर आ सकता है। इसके साथ ही मंत्री मंडल में दलित मंत्री के फैक्टर पर भी रमेश खटीक सबसे प्रबल दाबेदार माने जा रहे है। अब देखना यह है कि चारों विधायको में से किसको मोहन सिंह यादव की मंत्रीमण्डल में जगह मिल सकती है।
