क्या ? आपराजित योद्धा केपी सिंह को पटकनी दे पाऐंगे देवेन्द्र जैन: पढिए स्वतंत्र शिवपुरी की नजर में शिवपुरी विधानसभा के समीकरण !

सतेन्द्र उपाध्याय@ शिवपुरी। इन दिनों पूरे मध्यप्रदेश में दीपावली से ज्यादा धमाका विधानसभा चुनाव का देखने को मिल रहा है। सभी प्रमुख दल अपने अपने स्तर पर अपने अपने प्रत्याशी को जिताने की जुगत में लगे हुए है। जैसे जैसे मतदान की ​डेट पास आती जा रही है प्रत्याशी अपना सबकुछ झौकने में लगे हुए है। इसी बीच स्वतंत्र शिवपुरी ने जिले की पांचों विधानसभाओं का समीझा की जिसमें जो समीकरण सामने आए है वह हम अपने पाठकों को बता रहे है।

शिवपुरी विधानसभा भाजपा प्रत्याशी

इन विधानसभा क्रमांक 25 शिवपुरी पर भाजपा ने अपना प्रत्याशी वैश्य गुट के बडे नेता देवेन्द्र जैन को प्रत्याशी बनाया है। देवेन्द्र जैन साफ और स्वच्छ छवि के नेता होने के साथ साथ समाज में बडा दायित्व रखते है। उनकी जो छवि है वह व्यवहारिक है। जिसके चलते जब से उन्हें टिकिट दिया गया है तब से ही वह अपना चुनावी ​गणित बैठाने में लगे हुए है। इस दौरान भाजपा प्रत्याशी ने सबसे पहले शुरूआत घर से की है। जहां बीते कुछ दिनों पहले भाजपा को छोड कांग्रेस में शामिल हुए उनके छोटे भाई जीतेन्द्र जैन गोटू को उन्होंने सबसे पहले साधा है। अब जीतेन्द्र जैन गोटू ने भले ही भाजपा की आफिशियल सदस्यता नहीं ली है परंतु इस चुनाव की कमान उन्होंने अपने हाथों मेें संभाल रखी है। जिसका फायदा उन्हें सीधा सीधा मिलना तय है। टिकिट मिलने से पहले उनपर उंगली उठ रही थी कि वह अपने घर को साध नहीं पा रहे विधानसभा को क्या साधेंगे। परंतु उनकी रणनीति ने उन्हें फायदा पहुंचाया है।

इसके साथ ही आम आदमी पार्टी से उनके खिलाफ चुनाव लढ रहे अनूप गोयल ने उन्हें सामाजिक कार्यक्रम में अपने साथ लिया है बल्कि वह पूरा समर्थन भी उन्हें दे रहे है। इतना ही नही अब उनकी नजर अपने रिश्तेदार राकेश सांवलदास गुप्ता पर है और वह उन्हें भी जल्द अपने पाले में ले लेंगे। इसके साथ ही उन्होंने समाज के प्रत्येक व्यक्ति को व्यक्तिगत रूप से बुलाकर सहयोग की अपेक्षा की है। जिसका फायदा उन्हें चुनाव में मिल सकता है। इसके साथ ही देवेन्द्र जैन स्थानीय प्रत्याशी है ​उनका निवास भी शहर के महल कॉलोनी में है ​इसका फायदा भी उन्हें यहां देखने को मिल सकता है।

इसके साथ ही अगर हम बात आंकडों की करें तो शिवपुरी विधानसभा सीट पर अधिकतर कब्जा भाजपा का ही रहा है। यहां से विधायक यशोधरा राजे सिंधिया चुनाव लडती आई है और वह यहां से हमेशा विजयी रही है। जिसका फायदा उन्हें इस चुनाव में मिल सकता है। साथ ही हम बात करें लाडली बहना का सबसे ज्यादा इफेक्ट मिल सकता है। यहां महिलाएं खुलकर भाजपा के पक्ष में मतदान की बात कह रही है।

कांग्रेस प्रत्याशी केपी सिंह कक्काजू का क्या है समीकरण
अब दूसरी और कांग्रेस के दिग्गज नेता और फायर ब्राण्ड नेता केपी सिंह कक्काजू की बात करें तो उनका नाम शिवपुरी शहर के लिए निर्विवाद के साथ साथ नया नाम है। वह भले ही 6 बार पिछोर विधानसभा से विधायक रहे है परंतु उन्होंने अपना क्षेत्र महज पिछोर तक ही सीमित रखा। जिसके चलते उन्हें शिवपुरी विधानसभा में ज्यादा मेहनत करनी पढ सकती है। दूसरी और उनके प्रत्याशी घोषित होने से कांग्रेस पार्टी में चल रहे जूतम पैजार यानी अंदरूनी विरोध को पूरी तरह से खत्म करने में सफलता मिली है और पूरी कांग्रेस उनके साथ उनके चुनाव प्रचार में दिखाई दे रही है। इसका सीधा फायदा उन्हें मिल सकता है। साथ ही लगातार इस सीट पर भाजपा विधायक होने के चलते उन्हें एन्टी इंक्मवेंसी का फायदा मिल सकता है।

​केपी सिंह कक्काजू का जो समीकरण के उसके अनुसार वह ग्रामीण क्षेत्र में बेहद पॉपूलर माने जाते है। इसके साथ ही जो उनका गरीब कन्याओं की शादी में मदद करने का तरीका है वह ग्रामीण क्षेत्र के मतदाओं को अपनी और खींच सकता है। इसके साथ ही कांग्रेस के प्रत्याशी होने के चलते इस विधानसभा क्षेत्र से मुस्लिम वोटरों को वह पूरी तरह से साध सकते है। अब बात करें तो उनके विधानसभा चुनाव में नुकसान की तो भाजपा ने उनकी छवि को एक दवंग नेता के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। भाजपा प्रचार कर रही है कि इनके विधायक बनते ही क्षेत्र में गुण्डागिर्दी बढ जाएगी। उनके साथ जो दबंग छवि के नेता चल रहे है उन्हें साईडलाईन करने पर उनके समीकरणों में सुधार देखने को मिलेगा। इसके साथ ही इस कुप्रचार को केपी सिंह कितना साध पाते है यह उनकी कार्यशैली पर निर्भर करेंगा।

इसके साथ ही अगर हम बात करें केपी सिंह कक्काजू की तो उन्हें राजनीति के तौर तरीके बहुत अच्छी तरह से पता है और वह बाजी पलटने के लिए पहचाने जाते है। पिछोर विधानसभा में उनके सामने भाजपा ने लोधी समाज की बाहुल्यता होने के चलते जब उमा भारती मुख्यमंत्री बनी थी तब वह अपने भाई को भी उनके सामने जिता नहीं पाई थी। कुल मिलाकर उनका चुनाव के अंतिम समय में उनका जो तरीका है। वह जो दांव पैंच जानते है इस चुनाव का रूख तय करेगा। उनका मैनिजमेंट बेहद शानदार है।कुल मिलाकर हालात कुछ भी यहां मुकाबला दोनों ही प्रत्याशीयों में कांटे की टक्कर का देखने को मिलेगा। स्वतंत्र शिवपुरी प्रतिदिन जिले की सभी विधानसभाओं की हालात लगातार अपने पाठकों को बताता रहेगा।

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