एक गांव में बच्चों को फीवर के बाद शरीर पीला पड़ रहा है,एक मौत, एक दर्जन गुना में भर्ती, टीम पहुँची गाँव

संजीव जाट@ बदरवास। खबर जिला के कोलारस अनुविभाग के बदरवास जनपद के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत के गांव मोहनपुर की है यहां एक अज्ञात बीमारी ने गांव के मासूमो को अपनी जकड़ में ले लिया है। इस बीमारी के चलते एक 3 वर्षीय मासूम की मौत हो गई वही आधा दर्जन बच्चे इस अज्ञात बीमारी से पीड़ित हैं।

इस बीमारी में बच्चों का शरीर पीला पड़ रहा है। इलाज तो दूर की बात अब तक बीमारी का नाम तक नहीं पता चल पाया है। इस मामले के प्रकाशन के बाद आज स्वास्थ विभाग की टीम गांव में पहुँची है और बच्चों की जांच कर रही है कि आखिर यह बीमारी क्या है।

जानकारी के अनुसार मोहनपुर गांव के अन्य लोगों में भी इस अज्ञात बीमारी के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, इस बीमारी के कारण शरीर में खून की कमी होने के साथ ही शरीर पीला पड़ रहा है। वहीं क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाए शून्य है तथा नजदीकी ग्राम अगरा में स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र में ताले लटके है।

फसल बर्बाद हो जाने की वजह से कुछ परिवार अपने बच्चों का कर्जा लेकर या फिर अपनी जमीन या मकान गिरवी रखकर गुना में इलाज करवा रहे है।

बताया जा रहा है कि इस गांव में इकलौता हैंडपंप हैं जो इस गांव की प्यास बुझाता था पिछले कई दिनों से वह खराब है। इस कारण गांव के लोग नाले से पीने का पानी भरकर लाते हैं।

बताया गया है कि मप्र ओर राजस्थान के बॉर्डर पर स्थित सालोन पंचायत के मोहनपुर गांव में 80 घर है, तथा आबादी लगभग 550 है। इन परिवारों में शामिल कमल पटेलिया की 12 वर्षीय बेटी अंजू कक्षा 3 की छात्रा को पहले बुखार आया और शरीर में टूटन हुई। फिर उसका शरीर पीला पड़ने के साथ ही उसे कमजोरी आती चली गई। कमल उसे दिखाने के लिए डॉक्टर के पास जाने की तैयारी कर रहा था, लेकिन बीती रात बालिका ने दम तोड़ दिया।

इतना ही नहीं कमल की 4 वर्ष की बेटी अधिया व 2 साल का बेटा अंकेश भी बीमार हैं। बेटी की मौत के बाद कमल को अपने दो और बीमार बच्चों चिंता सता रही है।

बताया गया है कि गांव व उसके आसपास तो शासकीय स्वास्थ्य केन्द्रों ताले लटके हैं, इसलिए गांव में बीमार हो रहे लोग गुना जिले में जाकर इलाज करवा रहे है। गांव में रहने वाले रमेश पटेलिया का 15 वर्षीय बेटा बंटी, पांगली बाई उम्र 22 साल पत्नी विजय सिंह एवं रीना उम्र 16 साल पुत्री मकना पटेलिया की हालत खराब होने की वजह से इनका इलाज गुना में चल रहा है। गांव में दो दर्जन लोगों में भी इसी तरह की बीमारी के लक्षण दिख रहे हैं।

बताया गया है कि इस गांव के एक युवक पटेलिया की एक माह पूर्व सड़क हादसे में मौत हो गई। पिता की मौत से परिवार उबर नहीं पाया था कि सगन की 14 वर्षीय बेटी रवीना का शरीर भी पीला पड़ने के साथ ही उसमें सूजन आ रही है। पिता है नहीं, इसलिए बीमार बेटी घर के पलंग पर ही पड़ी होकर ईश्वर से खुद को ठीक करने की दुआ मांग रही है।

गांव के पूर्व सरपंच भीम सिंह पटेलिया ने बताया है कि ग्रामीण
जमीन-मकान गिरवी रखकर अपने बच्चो का इलाज करवा रहे हैं। गांव में न पीने को साफ पानी है और न ही बिजली की समुचित व्यवस्था है।

इलाज तो बहुत दूर की बात है। ग्राम अगरा में उप स्वास्थ्य केंद्र तो है, लेकिन उसमें ताले ही लटके रहते हैं। फसल बर्बाद हो गई तो लोग कर्जा लेकर या अपनी जमीन मकान गिरवी रखकर इलाज करवाने को मजबूर हैं।

Advertisement

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *