रमेश खटीक के टिकिट फाइनल होते ही राठखेडा के अरमानों पर फिरा पानी,टिकिट खतरे में !

शिवपुरी। जिले के करैरा विधानसभा में कल रात्रि में घोषित हुए भाजपा के टिकिट के बाद अब पोहरी विधानसभा में राठखेडा का टिकिट खतरे में दिखाई दे रहा है। भाजपा के केन्द्रीय संगठन ने जिस तरह से चुनाव को लेकर रणनीति बनाई है। उस रणनीति के तहत अब पोहरी में मंत्री राठखेडा के टिकिट पर संकट के बादल दिखाई दे रहे है। भले ही राठखेडा अब क्षेत्र में अपनी सक्रियता बढाकर युवाओं की रैली निकालकर यहां अपनी दाबेदारी को मजबूत दिखाने का प्रयास कर रहे है। परंतु करैरा का टिकिट फाइनल होते ही यहां से इनकी दाबेदारी पर बढा असर देखने को मिल रहा है।
यहां बता दे कि इन दिनों मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव की कमान दिल्ली ने संभाल ली है। जिसके चलते दिल्ली से यह प्रयास किया जा रहा है कि एमपी से उन्हें हर हालात में भाजपा सरकार चाहिए। जिसके चलते अमित शाह की टीम मनाने बहलाने से ज्यादा जो जीतने की स्थिति में उसपर ज्यादा फोकस कर रही है। और कल रात्रि में जो 39 सीटों पर प्रत्याशी की घोषणा जो की गई है वह वेहद चौकाने बाली है।
इस टिकिट की घोषणा में भले ही सिंधियानिष्ठ लोगों को बजन दिया गया है परंतु दिया उन्ही को गया है जो सर्वे में ठीक स्थिति में है। जिसमेें इमरती देवी,रघुराज कंसाना,मोहन सिंह राठौर को टिकिट दिया गया है। दूसरी और इस सूची में कट्टर सिंधिया समर्थक माने जाने बाले गिर्राज दण्डौतिया और जसवंत जाटव का टिकिट काटकर उनके स्थान पर टिकिट में परिवर्तन किया गया है।
सर्वे में कमजोर दिख रहे है सुरेश धाकड राठखेडा
बताया जा रहा है कि अमित शाह की टीम ने मध्यप्रदेश की सभी विधानसभा सीटों पर अपने सूत्रों से सर्वे कराया है। इस सर्वे में पोहरी विधानसभा से राज्यमंत्री सुरेश धाकड बुरी तरह पिछड गए है। इसके साथ ही कल जो सूची जारी की गई है उसमें कई वर्तमान विधायकों के टिकिट काटे गए है। दूसरी और पोहरी विधानसभा में ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीटों के चलते विधायक और फिर राज्यमंत्री बने सुरेश धाकड अपना खुद का बजूद इस क्षेत्र में स्थापित नहीं कर पाए। इसी बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी संगठन को स्पष्ट कर दिया है कि चाहे स्थिति परिस्थिति कुछ भी बने सरकार बनाने में बाधा नहीं आना चाहिए चाहे कितने भी बडे नेता का टिकिट काटना पडे। उन्हें सिर्फ जो सर्वे में उपर आ रहा है उसे ही टिकिट दिया जाए। जिसके चलते अब सुरेश धाकड के टिकिट पर भी संकट के बादल मडरा रहे है।