भाजपा से इस्तीफा के बाद विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी ने थामा कमलनाथ का हाथ,शिवपुरी से टिकिट लगभग तय !

शिवपुरी। आज जिले के कोलारस विधानसभा से भाजपा के दिग्गज विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी ने बीते रोज प्रेसवार्ता कर भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देते ही शिवपुरी विधानसभा से टिकिट की राह देख रहे कांग्रेस के नेताओे को बडा झटका लगा है। आज वीरेन्द्र रघुवंशी ने भोपाल पहुंचकर वीरेन्द्र रघुवंशी ने पूर्व सीएम कमलनाथ का हाथ थामा लिया है। आज उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली है।
रघुवंशी बोले मूल भाजपाईओं की दुर्गती हो रही है,घर बापसी
वीरेन्द्र रघुवंशी ने इस्तीफा देते हुए कहा था कि भाजपा में सिंधिया के आने से अब मूल भाजपाईयों की दुर्गती हो रही है। जिसके चलते वह पार्टी के आला कमान से इसकी शिकायत कर चुके थे। परंतु आला कमान ने इस मामलें को लेकर बात तक करना उचित नहीं समझा जिसके चलते वह बडे ही दुखी मन से यह निर्णय ले रहे है। विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी पहले कांग्रेस के टिकिट पर 2007 में शिवपुरी विधानसभा से उपचुनाव लडे थे। जिसमें उन्होंने पूरी सरकार के खिलाफ जाकर ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ मिलकर 7700 मतों से भाजपा के प्रत्याशी को मात दी थी। उसके बाद फिर 2008 में हुए चुनाव में उन्हें कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी घोषित किया।
इस चुनाव में उनके सामने भाजपा की कद्दावर नेता यशोधरा राजे सिंधिया सामने थी। जहां राजे ने उन्हें जबरदस्त पटकनी देते हुए चुनाव हरा दिया। इस दौरान वीरेन्द्र रघुवंशी ने सिंधिया पर अपनी भुआ का प्रचार करने का आरोप लगाते हुए जबरदस्ती हरबाने का आरोप लगाया था। इस आरोप के बाद विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी ने कांग्रेस को छोड भाजपा का दामन थाम लिया।
फिर भाजपा ने 2018 में कोलारस से दिया टिकिट
उसके बाद वीरेन्द्र रघुवंशी ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर विरोधी नेता के रूप में पहचाने जाने लगे। और उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर खुलकर हमला बोला। अब महल के खिलाफ शिवपुरी जिले में आबाज उठाने बाला वीरेन्द्र रघुवंशी एक मात्र चहरा बन गया था। जिसके चलते भाजपा ने उन्हें 2018 के चुनाव में कोलारस विधानसभा से टिकिट दिया। इस चुनाव में कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने सबसे चहेते महेन्द्र यादव को टिकिट दिलाया। जहां बीरेन्द्र रघुवंशी ने महेन्द्र यादव को 700 मतों से हरा दिया।