बच्चा चुराने बाली महिला से पूछताछ में खुलासा: कई कुआरों को बेच चुकी है लडकियां ,गरीब परिवार की बेटियां निशाने पर,पैसे ​के लिए पति को छोड BF के साथ रह रही थी

शिवपुरी। बीते 27 अगस्त को उस समय जिले में हडकंप मच गया जब ​भौंती थाना क्षेत्र के मनपुरा के हाट बाजार से एक महिला एक 7 माह के मासूम को मां के हाथों से लेकर फरार हो गई। इस मामले को लेकर पुलिस के हाथ पैर फूल गए। तत्काल आनन फानन में पुलिस सक्रिय हुई और पुलिस ने इस मासूम को जयपुर से दस्तयाब कर आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया। उक्त महिला ने अपने बेटे के साथ मिलकर इस बारदात को अंजाम दिया था।

गरीब बच्चीयों को निशाना बनाकर बेचती थी
जब पुलिस ने इस महिला और उसके बेटे को गिरफ्तार कर उसे रिमाण्ड पर लिया तो महिला ने कई खुलासे किए। महिला ने पुलिस को बताया कि वह अपने प्रेमी के साथ जयपुर में रहने लगी थी। वहां उसने इस क्षेत्र के गरीब युवतीयों को ले जाकर उन्हे कुआरें युवकों को बे​च देती थी। उसने मानव तस्करी को अपना प्रोफेशन बना लिया था। वह अभी तक 28 युवतीयों को बेच चुकी थी।

ऐसे दिया बारदात को अंजाम
बीते 27 अगस्त को 11 बजे एक महिला ने झूठ बोलकर अर्जुन केवट निवासी धुवाई के के घर में एंट्री ली। आरोपी महिला का पति अर्जुन केवट उस समय मजदूरी पर गया था उस समय उसकी पत्नि आरती केवट उम्र 27 साल अपने बच्चे गयावती, माया, नंदनी, वर्षा और 7 माह का कार्तिक लोधी घर पर थे। अर्जुन के यहां चार बेटियों के बाद एक बेटा कार्तिक पैदा हुआ था। जिसके चलते 4 बहनों के बीच एक भाई को लेकर पूरा परिवार खुश था।

तभी एक महिला आई और उसके पानी मांगा। पानी मांगने के बाद वह कहने लगी कि उसकी बा​ईक खराब हो गई है जिसके चलते वह वहां बैठकर आराम करने लगी। जब शाम को आरती को बाजार जाना था तो वह बाजार चल दी। जिसपर महिला ने कहा की उसे भी बाजार में काम है वह भी साथ चल रही है। जिसके चलते वह उसके साथ चल दी। और बाजार में महिला को चकमा देकर उसके मासूम को लेकर फरार हो गई है।

इस मामले मे पुलिस ने सीडीआर के जरिए महिला और उसके बेटे के कब्जे से मासूम को जयपुर से दस्तयाब कर दोनों आरोपीयो को दबौच लिया। इस मामले में पुलिस ने जब महिला से पूछताछ की तो महिला ने कई चौकाने बाले खुलासे किए। महिला दयावती 8 साल पहले अपने मायके के अशोक लोधी के साथ भाग चुकी है। अशोक लोधी जयपुर में दूध का कारोबार करता है। उसकी अच्छी कमाई है। दयावती शुरू से ही लालची प्रवृत्ति की है। अशोक पैसे वाला था, सो दयावती उसके करीब आ गई। दोनों के प्रेम संबंध थे। बाद में दयावती उसके साथ ही जयपुर में ही रहने लगी। वह अपने बेटे सुनील लोधी से मिलने जरूर आती रहती है। सुनील भी उसके संपर्क में रहता है। रामेश्वर से ही पुलिस को दयावती और उसके बेटे सुनील की फोटो भी मिल गई।

कुआरों की शादी के लिए गरीब युवतीयों को बनाती थी टारगेट
दयावती जब पहली बार जयपुर पहुंची, तब उसे मालूम चला कि राजस्थान में लड़कियों की कमी है। अच्छे-अच्छे घरवालों को भी शादी के लिए लड़कियां आसानी से नहीं मिलती हैं। उसने पड़ोस में रहने वाले एक कुंवारे लड़के की अपने मायके की पहचान में एक गरीब परिवार की लड़की से शादी करा दी। इसके एवज में उसे लड़केवालों ने 50 हजार रुपए दिए। शादी कराने के एवज में पहली बार उसे इतने रुपए मिले थे। इसके बाद उसने शिवपुरी जिले की कई लड़कियों की इसी तरह से शादी कराई और रुपए लिए।

उसने आसपास के कई गांव में अपने दलाल बना लिए, जो उसके लिए लड़कियों की व्यवस्था करते थे। उन्हें भी बदले में 20 हजार से लेकर 50 हजार तक का कमीशन मिलता था। कुछ हिस्सा लड़की के घरवालों को भी मिलता था। पुलिस पूछताछ में दयावती ने बताया कि लड़कियों की शादी कराने के दौरान उसे ऐसे कई परिवार मिले, जो बेऔलाद थे। वे पैसे देकर बच्चे खरीदने के लिए भी तैयार थे। 8 साल पहले भी दयावती ने अपने मायके तिंघारी से एक बच्चे को चुराने का प्रयास किया था, लेकिन पकड़ ली गई थी। हालांकि, ये मामला आपस में ही सुलटा लिया गया था।

मां-बेटे दोनों पुलिस रिमांड पर
दयावती की गिरफ्तारी के बाद 31 अगस्त को सुनील लोधी को भी पुलिस ने उसके घर से दबोच लिया। भौंती पुलिस ने कार्तिक के अपहरण को मानव तस्करी में तब्दील करते हुए दर्ज किया है। पुलिस ने आरोपी दयावती और उसके बेटे सुनील को दो दिन की रिमांड पर लिया है। सुनील की बाइक भी जब्त कर ली है। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि दयावती आठ सालों में 28 लड़कियों की राजस्थान के अलग-अलग जिलों में शादी करा चुकी है। उसे हर एक शादी में डेढ़ से दो लाख रुपए का कमीशन मिलता था। शेष रकम लड़की के घरवालों को दी जाती थी।

गरीब लडकीयों को करती थी टारगेट
दयावती के टारगेट पर गरीब परिवार की बेटियां होती थीं। उसे जब भी किसी लड़की का ऑफर मिलता था, तो वह धुवाई व आसपास के गांव में अपने लोगों को सक्रिय कर देती थी। ये लोग किसी गरीब परिवार को लालच में फंसा कर उसकी बेटी का सौदा शादी के नाम पर करवा देते थे। पुलिस के पास किसी पीड़ित लड़की या परिवार की ओर से अब तक कोई शिकायत नहीं मिली है। अब पुलिस दयावती से पूछताछ के आधार पर ऐसे परिवार वालों से संपर्क साध रही है। एसपी रघुवंश भदौरिया के मुताबिक इस केस के हर पहलू पर जांच की जा रही है। यदि कोई पीड़ित परिवार या बेटी अपनी बात बताना चाहे, तो पुलिस उनकी पहचान भी गुप्त रखने के लिए तैयार है।

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