बाजार में अतिक्रमण के मामले ने पकडा तूल: राकेश गुप्ता बोले- व्यापारीयों से आखिर बसूली किसके कहने पर चल रही थी ,राजे को घेरा, डेढ माह पहले सेवानिवृत्त को कैसे बना रखा था प्रभारी…

शिवपुरी। इन दिनों चुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों ही प्रमुख दल अपने अपने स्तर से अपनी अपनी तैयारी में लगे हुए है। आज व्यापारीयों को एकजुट कर चुनाव के बहिष्कार के मुद्दे के बीच कांग्रेस ने इसे भुनाने का प्रयास किया है। कांग्रेस से शिवपुरी विधानसभा से टिकिट के प्रबल दाबेदार माने जा रहे कांग्रेसी नेता राकेश गुप्ता ने इस मौके का फायदा उठाया।
शिवपुरी में ऐसा पहली बार हुआ है जब अप्रत्यक्ष रूप से राजे के खिलाफ व्यापारीयों ने मोर्चा खोला है। इसे लेकर व्यापारीयों ने एकजुट होकर चुनाव का बहिष्कार करते हुए नपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इस मामले में सबसे अहम मोड तो उस समय आया जब नगर पालिका सीएमओ केशव सिंह सगर ने इस मामले में अतिक्रमण प्रभारी देवेन्द्र त्रिवेदी को तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त कर मामले को थाम लिया।
परंतु मौके पर चौका लगाते हुए आज राकेश गुप्ता ने एक पोस्ट शोसल मीडिया पर पोस्ट की है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि आज बाजार मेें तोडफोड करने गए जो अधिकारी का नाम सामने आ रहा है वह 30 जून 2023 को शासन द्धारा रिटायर हो चुके है। फिर अगले डेढ महीने से वह किसके आदेश पर नगर पालिका में कार्यरत है। इस बीच के डेढ माह में उन्होंने ऐसी कोई जबरन बसूली तो नहीं कर ली इसकी जांच होना चाहिए। साथ ही व्यापारीयों के साथ इस तरह की बसूली करने बाले आखिर किसके सरक्षण में यहां काम कर रहे है। आज बाजार में किसके इशारे पर तोडफोड करने गए वो भी एक सवालियां निशान है।

यहां बता दे कि राकेश गुप्ता ने इस मामले में अप्रत्यक्ष रूप से राजे को घेरते हुए यह पोस्ट की है। उनका स्पष्ट रूप से कहना है कि आखिर व्यापारीयों के साथ इस तरह से प्रताणित करने का आधिकार आखिर किसको है। अब नपाध्यक्ष कहा है जो जीरो प्रतिशत टॉलरेंस की बात कहती रहती है और उन्हीं की आंखों के सामने एक ऐसे अधिकारी को अतिक्रमण विरोधी मुहिम का प्रभारी बना दिया जिसे डेढ माह पहले ही सेवानिवृत कर दिया हो।
राजे को घेरा
इस मामले में व्यापारीयों ने यहां खुलेआम पहली बार राजे को आडे हाथों लेते हुए कहा कि शिवपुरी नगर पालिका उन्ही के कहने पर चल रही है। फिर व्यापारीयों को इस तरह से परेशान किया जा रहा है। शिवपुरी में विधायक रहती नहीं है फिर अपनी फरियाद लेकर कहा जाए।
बताया जा रहा है कि नगर पालिका में पदस्थ अतिक्रमण विरोध मुहिम के प्रभारी मूल रूप से शिक्षा विभाग के कर्मचारी है। जिन्हें बीते 26 जून को 62 साल की उम्र पूरी हो जाने पर इन्हें शिक्षा विभाग द्धारा सेवामुक्त कर दिया गया था। इनके आदेश में बताया जा रहा है कि यह 4 फरवरी 2009 को देवेन्द्र कुमार त्रिवेदी की नियुक्ति संविंदा आधार पर जनपद शिक्षा केनद्र पोहरी में उपयंत्री के पद पर की थी। राज्य शिक्षा केन्द्र के पत्र के आधार पर इनकी उम्र 62 साल होने पर इन्हें डीपीसी अशोक त्रिपाठी ने 30 जून 2023 को सेवा मुक्त कर दिया था। उसके बाद भी यह यहां नगर पालिका में काम रहते रहे। आज मामला तूल पकडा तो इन्हें आनन फानन में कार्यमुक्त कर दिया गया।
इनका कहना है।
हां यह हमारे यहां पहले पदस्थ था। जिसे सेवा निवृत्ति के कार्य मुक्त कर दिया था। उसके बाद में इसने हमें संविदाकर्मी के रूप में नियुक्ति के लिए पत्र लिखा था। इस पत्र को हमने हमारे मुख्यालय भी भेज दिया है। परंतु यह आज काम पर कैसे और किसके इशारे पर आया है यह तो हम जांच कराएंगे। उसके बाद ही बता पाएगे। चूंकि हमारे यहां इंजीनियरों की कमी है इस कारण से हमने इसे फिर से संविदा पर नियुक्त करने के पत्र को स्वीकार कर लिया था।
केशव सिंह सगर,सीएमओ नगर पालिका शिवपुरी।
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