मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना: अपात्रों का सूची में नाम,पात्र भटक रहे है

शिवपुरी। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक तरफ तो श्रवण कुमार के रूप के पूरे मध्यप्रदेश के बुजुर्ग माता पिता को तीर्थ दर्शन कराने योजना प्रारम्भ की। परंतु यह योजना भी भृस्टाचार की भेंट चढ़ रही है।

आज सुबह मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन ट्रेन शिवपुरी से कामाख्या देवी यात्रा के लिए रवाना हुई। इस योजना में शिवपुरी में अनियमितताएं सामने आई हैं जिसकी शिकायत भी की गई है। सूची में एक ऐसे लोगों के नाम शामिल कर दिए गए जो पहले भी यात्रा कर चुके हैं जबकि पहली बार यात्रा करने वालों को यह कहकर सूची से हटा दिया गया कि आप पहले कई बार योजना में यात्रा कर चुके हैं। इतना ही नहीं सूची में शासकीय कर्मचारी तक का नाम शामिल कर दिया गया। इसे लेकर रुपयों के लेनदेन के आरोप भी लगे हैं।

इंदिरा कालोनी निवासी रामचंद्र मांझी ने सीएम हेल्प लाइन पर शिकायत दर्ज कराई है कि वह 71 वर्षीय पेंशनर है और मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत पात्रता में आता है। इसके अलावा अभी तक वह एक बार भी किसी तीर्थ यात्रा पर नहीं गया है। इसी क्रम में उसने मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत 6 अक्टूबर को कामाख्या देवी के लिए रवाना होने वाली तीर्थ दर्शन योजना की यात्रा के लिए आवेदन प्रस्तुत किया है, किंतु शहरी विकास प्राधिकरण के वावू अशोक खरे द्वारा उन्हें यह कह कर अपात्र बताया है।

कि वह पूर्व में दो बार मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत यात्रा कर चुके हैं। रामचंद्र मांझी का कहना है कि उक्त आरोप पूर्णतः असत्य हैं और इसकी जांच व पुष्टि कराई जा सकती है। रामचंद्र मांझी ने सीएम को दर्ज कराई शिकायत में उल्लेख किया है कि ऐसा महज इसलिए किया गया है क्योंकि उसने बाबू द्वारा मांगी गई पांच हजार रुपये की रिश्वत देने से इंकार कर दिया।

उन्होंने मामले की शिकायत पीओ डूडा सहित कलेक्टर को भी दर्ज कराई है और लिस्ट में शामिल लोगों के नामों की जांच करने के साथ-साथ नाम सिलेक्ट करने और निरस्त करने की प्रक्रिया की जांच करने की बात कही।

खास बात यह है शिवपुरी से जिन 275 यात्रियों का चयन किया गया है, उनमें सरकारी कर्मचारी तक शामिल हैं। उनकी पत्नी को उनका सहयोगी बनाया गया है, जबकि वह वर्तमान में भी नौकरी कर रहे हैं।

सूची में अधिक उम्र के लोगों को छोड़ कम उम्र के शामिल किए

शिकायत के साथ एक सूची भी संलग्न की है जिसमें कई पात्र हितग्राहियों को अपात्र घोषित किए जाने की बात बताई जा रही है। इसमें आरोप है कि इस सूची में ऐसे कई लोग शामिल हैं जो पूर्व में भी यात्रा कर चुके हैं और इस बार भी वह यात्रा के लिए पात्र बताए गए हैं।

यदि इस सूची की निष्पक्षता के साथ जांच हो जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। इसके अलावा कई ऐसे लोगों को यात्रा करने अवसर प्रदान किया गया है जिनकी उम्र कम है और जिनकी उम्र अधिक है उन्हें अपात्र बता दिया गया है।

नियमानुसार पहले अधिक उम्र के लोगों को पात्रता सूची में स्थान मिलना चाहिए और उसके बाद उससे कम उम्र के लोगों को मिलना चाइये परंतु यह योजना भी जिम्मेदारों की कार्यप्रणाली की भेंट चढ़ गई।

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