बदनामी के डर से युवतियां अश्लील CHATS डिलीट और इसे छिपाने का प्रयास न करें, तत्काल POLICE को बताए: न्यायाधीश अर्चना सिंह

शिवपुरी। इस दिनों शोसल मीडिया का जमाना है और आजकर हर कोई शोसल मीडिया पर सक्रिय रहता है। ऐसे में युवती और महिलाओं के साथ कुछ आसमाजिक तत्व अश्लील चैट करते है। बदनामी के डर से ऐसे चैट डिलीट कर उसे छिपाने का प्रयास कर उस व्यक्ति की सहायता करने के बजाए उसकी सूचना तत्काल अपने माता-पिता, शिक्षक को दें और संबंधित के विरुद्ध साइबर सेल या थाने में शिकायत निडर होकर करें। ऐसे व्यक्ति के दबाव में कतई न आएं। यह बात शासकीय विधि महाविद्यालय में विधिक साक्षरता शिविर आयोजन के दौरान जिला न्यायाधीश अर्चना सिंह ने कही।
उन्होंने बताया कि संविधान में उपबंधित मौलिक अधिकार प्रत्येक छात्र को प्राप्त है। वही मौलिक कर्तव्यों का नैतिक रूप से पालन करना भी प्रत्येक छात्र का कर्तव्य है। वर्तमान परिवेश में प्रत्येक व्यक्ति के हाथ में मोबाइल है, मोबाइल के उपयोग के साथ-साथ इसके दुरुपयोग की संभावना भी बनी रहती है। इसलिए यदि कोई व्यक्ति अनावश्यक मैसेज करता है या फेसबुक इंस्टाग्राम स्नैपचैट आदि के माध्यम से दोस्ती कर अश्लील चैट, वीडियो चैट या किसी वेबसाइट के माध्यम से आपके व्यक्तिगत छायाचित्र वीडियो प्राप्त कर आपको ब्लैकमेल करता है।
वीडियो वायरल करने की धमकी देता है, पैसे मांगता है तो आए ऐसी शिकायत वेबसाइट के माध्यम से कर सकते हैं। लुभावने मैसेज अथवा लिंक के कुचक्र से दूर रहें। इस दौरान सिविल जज के छात्र-छात्राओं को सिविल की तैयारी कैसे करें, अपने नोटिस कैसे तैयार करें, पढ़ाई कितने समय तक और किस तरह करें, इस संबंध में पूछे गए सवालों का अतिथियों ने जवाब दिया। लोकोपयोगी लोक अदालत में किस प्रकार के मामले लाए जा सकते हैं और उनका निराकरण आपसी समन्वय से किया जाता है इसकी जानकारी छात्र- छात्राओं को दी।
साथ ही यह भी बताया गया कि पीठ के द्वारा पारित आदेश की कोई अपील नहीं होती, बल्कि वह अंतिम आदेश होने के कारण इसके विरुद्ध केवल उच्च न्यायालय में रिट दायर की जा सकती है। इस अवसर पर जिला विधिक सहायता अधिकारी वीरेंद्र ने 22 जुलाई को आयोजित समाधान आपके द्वार शिविर के बारे में विस्तृत जानकारी दी। संचालन पैरा लीगल वालंटियर कृष्णकांत नामदेव ने किया। अंत में विधि महाविद्यालय के दिग्विजय सिंह सिकरवार ने आभार व्यक्त किया।
