करैरा और पिछोर क्षेत्र में नही थम रहा रातों रात मूर्तियों को रखने का चलन,फिर रखी भीमराम अम्बेडकर की मूर्ति

करैरा। खबर जिले के करैरा थाना क्षेत्र से आ रही है जहां करैरा ओर पिछोर थाना क्षेत्र में रातों रात मूर्तियां रखने का चलन थमने का नाम ही नही ले रहा बीती रात्रि अज्ञात लोगों ने जहाँ चंद्रशेखर आजाद की मूर्ति रखी थी वहीं अब भीमराव अंबेडकर की मूर्ति रख दी।

विदित हो कि जिले के पिछोर अनुविभाग में पिछले कई सालों से रातों रात प्रतिमा स्थापित करने की होड़ चल रही थी। इस दौरान पिछोर क्षेत्र में एक के बाद एक करीब दर्जन भर मूर्तियां स्थापित की गई। खास बात यह है कि एक भी मामले में आसामाजिक तत्वों के खिलाफ कोई वैधानिक कार्रवाई जिला प्रशासन द्वारा नहीं की गई, जिसके चलते उनके हौसले और बुलंद होते चले गए।

इसी का परिणाम है कि पिछोर में न जाने कितनी मूर्तियां रख दी गई हैं। पिछोर के बाद अब यह होड़ करैरा में शुरू हो गई है। करीब पंद्रह दिन पहले करैरा के निर्माणाधीन नवीन न्यायालय परिसर के सामने अज्ञात आसामाजिक तत्वों ने चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा स्थापित कर दी थी।

इस मामले को प्रशासन ने दबा दिया और किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की। इसी के चलते दूसरे समाज के लोगों की हिम्मत बढ़ी और शुक्र शनिवार की रात अज्ञात लोगों ने वहीं पर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित कर दी।

यहां बता दे कि इस मामले में भी प्रशासन पूरी तरह मौन है, जबकि सभी प्रतिमाओं को स्थापित करने से पहले न तो जमीन आवंटन करवाया गया है और न ही किसी भी तरह की कोई अनुमति किसी भी व्यक्ति द्वारा प्रशासन से नहीं ली गई है

यह जमीन राजस्व की न होकत फारेस्ट की है। ऐसे में प्रशासन ने कार्रवाई के संबंध में वन विभाग को पत्र लिख दिया है, आगे की कार्रवाई वन विभाग द्वारा की जाएगी।

इसके अलावा भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करने के मामले में जब उसने बात की तो उनका कहना था कि इस प्रतिमा के संबंध में उन्हें फिलहाल कोई जानकारी नहीं हैं। वह पता करवाते हैं कि क्या मामला है।

जिले में लगातार स्थापित की जा रही मूर्तियों को लेकर जब पुलिस और प्रशासन से जुड़े विश्वनीय सूत्रों की मानें तो यह पूरी राजनिती मूर्ति स्थापना की नहीं बल्कि समाज को वांटने की राजनीति है। एक और जहां इससे समाज को कई हिस्सों में वांटने का प्रयास किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर शासन और प्रशासन को भी एक समाज का पक्षधर और दूसरे समाज का विरोधी बताने का प्रयास किया जा रहा है।

इस संबंध में प्रशासन का खुफिया विभाग रिपोर्ट एकत्रित करने में भी लगा हुआ है। वहीं दूसरी ओर कुछ मूर्तियां इसलिए स्थापित की जा रही हैं ताकि महंगी जमीनों पर अतिक्रमण किया जा सके। इस कारण तनाव की स्थिति भी निर्मित हो रही है।

Advertisement

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *