ब्राह्मण समाज ने मनाई रानी लक्ष्मीबाई की पुण्यतिथि: वीरांगना लक्ष्मीबाई आज भी करोडों लोगों को प्रेरणा देती है

शिवपुरी । दुबे नर्सरी शिवपुरी पर 18 जून रविवार को अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा सनातन जिला शिवपुरी द्वारा वीरांगना लक्ष्मीबाई की 165 भी पुण्यतिथि मनाई कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पंडित पुरुषोत्तम कांत शर्मा ब्राह्मण समाज शिवपुरी के जिला अध्यक्ष कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ वीके शर्मा शहर अध्यक्ष सबसे पहले रानी लक्ष्मीबाई के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम प्रारंभ किया गया।
मुख्य अतिथि पंडित पुरुषोत्तम कांत शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत के गौरवशाली इतिहास में जब जब वीरांगना का जिक्र किया जाएगा महारानी लक्ष्मीबाई की वीरता और पराक्रम हमेशा लोगों की प्रेरणा देते रहेंगे कवित्री सुभद्रा कुमारी चौहान ले अपनी रचना झांसी की रानी में इसी पराक्रम का जिक्र करते हुए लिखा था खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी अंग्रेजी हुकूमत के दांत खट्टे करने वाली झांसी की रानी लक्ष्मी बाई की आज हम 165 भी पुण्यतिथि मना रहे है जो प्रतिवर्ष 18 जून को मनाई जाती है।
18 जून सन 1958 को अंग्रेजों से मुकाबला करती हुई रानी लक्ष्मी बाई वीरगति को प्राप्त हुई थी 18 जून का दिन रानी लक्ष्मीबाई की बलिदान दिवस के रूप में उन की याद दिलाता है डॉ डीके शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि रानी लक्ष्मी बाई के बचपन का नाम मनु था और उनका वास्तविक नाम मणिकर्णिका था उनका जन्म काशी में 19 नवंबर 1835 में हुआ था रानी लक्ष्मीबाई झांसी कि राजा गंगाधर जी के साथ शादी हुई रानी लक्ष्मीबाई चाहती थी।
कंपनी उसकी पति की मृत्यु के बाद गोद लिए गए बेटे को उसके राज्य का वैद्य उत्तराधिकारी मान ली नहीं मानने पर डटकर अंग्रेजी सेना से युद्ध करते हुए ग्वालियर में अपने प्राण स्वयं नो छावर कर दिए पंडित कैलाश नारायण भार्गव अपने विचार रखते हुए कहा कि रानी लक्ष्मीबाई में अनेक विशेषताएं थी धार्मिक प्रवृत्ति की तथा नियमित योगाभ्यास करती तथा सेन कार्यों में रुचि लेती थी तथा झांसी की प्रजा का समुचित प्रकार से ध्यान रखती थी।
इसके साथ पंडित सुरेश कुमारभार्गव जिला महामंत्री हरिवंश त्रिवेदी ने भी विचार व्यक्त किए कार्यक्रम का संचालन देवेंद्र कुमार शर्मा ने किया इस मौके पर पंडित हरगोविंद शर्मा जिला उपाध्यक्ष पंडित द्वारका प्रसाद, भटैले पंडित महेंद्र शर्मा जिला अध्यक्ष सचिव पंडित कैलाश नारायण मुद्गल पंडित देवेंद्र शर्मा को कूड़ा जागीर पंडित विनोद अवस्थी वीरेंद्र अवस्थी संत कुमार शर्मा पंडित देवी प्रसाद पाराशर आदि थे अंत में आभार व्यक्त पंडित भानु शर्मा ने व्यक्त किया।
