CM और BD शर्मा के सामने ही मंत्री सिसौदिया पर बिफर गए बीरेन्द्र रघुवंशी,बैठक छोडकर जाने लगे,बोले भ्रष्ट अधिकारी कुर्सी पर जमें है

शिवपुरी। खबर मुख्यमंत्री निवास भोपाल से आ रही है जहां जिलों की कोर कमेटियों की बैठकों में बीजेपी नेताओं की कलह सामने आ रही है। शिवपुरी जिले के प्रभारी मंत्री और बीजेपी विधायक इसी तरह के मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के बीच आमने सामने आ गए। नाराज विधायक तो बैठक तक छोड़कर जाने लगे जिन्हें बाद में समझाईश देकर रोका गया।
बीजेपी नेताओं के बीच आपसी तालमेल में कमी का यह वाकया तब सामने आया जब शिवपुरी जिले के कोर कमेटी के पदाधिकारियों, सांसद, विधायक की बैठक शुरू हुई। बैठक में सीएम और प्रदेश अध्यक्ष ने पदाधिकारियों से पूछा कि जब सरकार इतनी मेहनत कर योजनाओं के माध्यम से लाभ दिला रही है तो आखिर क्यों यह माहौल बन रहा है कि बीजेपी सरकार नहीं आ रही है। बीजेपी नेताओं से सीएम ने सूची मांगी कि विधानसभा चुनाव के पहले कौन से ऐसे काम किए जा सकते हैं, जिसके बाद जनमानस पर व्यापक असर हो और उसका फायदा पार्टी को मिले।
इस दौरान पार्टी में असंतोष खत्म करने को लेकर भी चर्चा की गई। इसी बीच कोलारस विधायक बीरेंद्र सिंह रघुवंशी ने सीएम और प्रदेश अध्यक्ष से कहा कि इस तरह की बैठक का कोई मतलब नहीं है। जिले के प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया उनके कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा रहे हैं। भाजपा सरकार में ही अगर मूल भाजपा कार्यकर्ता के साथ अन्याय होगा तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
भ्रष्टाचार के ऊपर भी विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया को लताड़ा और और बोला कि पूरे ज़िले में ईमानदार अधिकारियों को हटाया जाता है और जुआ चलवाने वालों को बैठाया जाता है। इसके बाद वे उठकर बैठक से जाने लगे तो सीएम समेत अन्य पार्टी नेताओं ने उन्हें रोका। विधायक को समझाईश दी गई पर वे काफी देर तक असंतुष्ट से दिखे।
सीएम हाउस में खाने का शौक नहीं
बताया जाता है कि विधायक इतने नाराज थे कि वे बैठक से बाहर निकल आए और वहीं जोर से कहने लगे कि एक तरफ एफआईआर कराते हैं और दूसरी तरफ सीएम हाउस बुलाकर थपकी देते हैं। हमें सीएम हाउस में बैठक करने और यहां खाने का शौक नहीं है। इस बीच प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा आए और उन्हें बैठक में ले गए। वहां उनसे कहा गया कि इस पर अलग से बात की जाएगी। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर विधायक से कई बार संपर्क करने का प्रयास किया गया पर बात नहीं हो सकी।