100 करोड़ का सहकारिता घोटाला: राकेश पाराशर का बेटा चंचल पाराशर ओर परिजन मिलने पहुंचे जेल,फिर SDOP के सामने पेश हुआ, नोटिस पर छोड़ा

कोलारस। जिले के कोलारस में हुए सहकारिता बैंक घोटाले को अब परत दर परत दबाने की तैयारियां शुरू हो गई है। इस बड़े घोटाले को सामने आए करीब एक वर्ष हो गया है। इसके मास्टर माइंड राकेश पाराशर को पुलिस इसी वर्ष जनवरी में गिरफ्तार कर चुकी है। इसके बाद से ही उसके स्वजन फरार चल रहे थे।
मामले में पुलिस ने राकेश पाराशर के स्वजनों को भी संदेही का माना था। इनके कुछ खातों में तब ट्रांजेक्शन होने की बात सामने आई थी। शुक्रवार को आरोपित राकेश पाराशर के दोनों बेटे चंचल पाराशर और शिवम पाराशर सहित भाई मुकेश पाराशर व भतीजे गगन पोहरी एसडीओपी व मामले के जांच अधिकारी एसएस मुमताज के समक्ष पेश हुए। पुलिस ने उन्हें वाउंडओवर कर फिलहाल छोड़ दिया है।
बिदित हो कि गत वर्ष कोलारस के सहाकारी बैंक में करोड़ों का घोटाला सामने आया था। शुरुआत में 5.31 करोड का घोटाला जांच के बाद 50 करोड़ रुपये से अधिक का हो गया था। जांच में इसका मास्टर माइंड राकेश पाराशर को बताया गया था। राकेश पाराशर बैंक में भृत्य था जो कैशियर बनकर काम कर रहा था। घोटाला सामने आने के बाद से ही राकेश पाराशर अपने परिवार सहित फरार था।
हालांकि राकेश को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। इसके साथ मैं कुछ और सहयोगी भी पकड़े गए थे। बाद में जांच और प्रतिवेदन के आधार पर उसके स्वजनों को संदेही माना गया था। शुक्रवार को अचानक से उसके बेटे, भाई और भतीजा सामने आए। पहले राकेश पाराशर के बेटों ने उससे सर्किल जेल में मुलाकात की और फिर जांच अधिकारी पोहरी एसडीओपी एसएस मुमताज के समक्ष पेश हुए।
एसएस मुमताज का कहना है कि यह चारों संहेदी हैं और इनके नाम एफआइआर में दर्ज नहीं है। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को अभ्यावेदन दिया था कि इस मामले में हमारी भूमिका की जांच की जाए और उसके बाद ही कोई कार्रवाई की जाए। इसके बाद यह लोग पेश हुए हैं। उनके बयान लेने और पूछताछ के बाद बाउंड ओवर पर छोड़ दिया गया है।
कोलारस के दो नेताओं की चर्चा सुलझवा रहे मामला
इस बड़े घोटाले में पिछले कुछ महीनों में पुलिस की जांच ज्यादा आगे नहीं बढ़ पाई है। इस आर्थिक घोटाले ने बैंक की रीढ़ इस कदर तोड़ दी है कि सहाकरी बैंकों में आज भी लोग अपने ही रुपये निकालने के लिए परेशान हो रहे हैं।
नगर में ऐसी चर्चा है कि सत्तादल से जुड़े दो नेताओं ने इन्हें पुलिस के समक्ष पेश कराने में मदद की है। भोपाल स्तर से घोटाले से इनकी भूमिका को हटाए जाने केलिए कवायद करने में जुटे हुए हैं। दोनों ही नेता संगठन से जुड़े हुए हैं और उसमें अपनी पैठ होने का दावा भी करते हैं।