धर्म परिवर्तन की अनुमति मांगने कलेक्ट्रेट पहुंचे 200 ग्रामीण ,बोले दबंगों ने मंदिर में स्थापित नहीं होने दी मां सरस्वती की प्रतिमा

शिवपुरी। आज शिवपुरी कलेक्ट्रेट कार्यालय में पहुंचे मनपुरा गांव के ग्रामीणों ने धर्म परिवर्तन की अनुमति मांगी है। मंगलवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर नारेबाजी करते हुए पहुंचे बराहर समाज के लोगों का कहना है कि हमें गांव में मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित नहीं करने दी जा रही है। जबकि मूर्ति स्थापना को हमें मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष और एसडीएम पिछोर की सहमति मिल चुकी है। बावजूद तय कार्यक्रम के दिन हमें प्रतिमा स्थापित करने से रोक दिया गया।

कलेक्ट्रेट पहुंचे ग्रामीणों का कहना है कि 21 मई को हम मां सरस्वती की मूर्ति लेकर मंदिर में पहुंचे थे। लेकिन मंदिर के पुजारी ने मंदिर के मुख्य दरवाजे को बंद कर दिया। उस वक्त पुलिस भी मौजूद थी। कलेक्ट्रेट पहुंचे ग्रामीणों का कहना है कि 21 मई को हम मां सरस्वती की मूर्ति लेकर मंदिर में पहुंचे थे। लेकिन मंदिर के पुजारी ने मंदिर के मुख्य दरवाजे को बंद कर दिया। उस वक्त पुलिस भी मौजूद थी।

दरअसल, बराहर समाज के लोग भौंती थाना क्षेत्र मानपुरा गांव में मां सरस्वती की मूर्ति की स्थापना कराना चाहते थे, लेकिन गांव के मंदिर के पुजारी ने मूर्ति स्थापित नहीं करने दी थी। जबकि मूर्ति स्थापना को लेकर उनके पास मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष व एसडीएम पिछोर से सहमति भी मिल चुकी है। मनपुरा के रहने वाले विजय बराहर ने बताया कि हम मनपुरा गांव के मंदिर पर मां सरस्वती की स्थापना कराना चाहते हैं।

इसके लिए उन्होंने मंदिर के ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत आनंद गिरी महाराज और पिछोर एसडीएम से सहमति प्रदान कर ली थी। 21 मई को मंदिर में मां सरस्वती की स्थापना होनी थी। मूर्ति स्थापित करने के लिए निर्माण कार्य भी मंदिर के भीतर करा दिया गया। इस धार्मिक आयोजन में करीब 4 से 5 हजार लोगों के लिए भंडारा भी बनवाया गया। साथ ही भौंती थाना पुलिस को भी व्यवस्था में सहयोग की सूचना दे दी गई थी।

विजय बराहर ने आगे बताया कि 21 मई को हम मां सरस्वती की मूर्ति लेकर मंदिर में पहुंचे थे। लेकिन मंदिर के पुजारी पवन कोटिया और उनके छोटे भाई राम बिहारी कोटिया ने मंदिर के मुख्य दरवाजे को बंद कर दिया। उस वक्त पुलिस भी मौजूद थी। पुलिस ने भी मंदिर के पुजारी को समझाने का प्रयास किया था लेकिन मंदिर के पुजारी ने पुलिस की भी बात नहीं सुनी।

इसके बाद पुजारी ने गांव कुछ स्वर्ण समाज के दबंगों को मंदिर पर बुला लिया, और हमें अछूत कहकर अपमानित किया। आखिरकार मंदिर में नहीं रखने दी। इसी बात से आहत होकर बराहर समाज के 200 लोग यहां आए हैं। हमारी मांग है कि या तो दबंगों पर कार्यवाही हो या फिर हमें धर्म परिवर्तन की मंजूरी दी जाए।

पिछोर एसडीएम अरविंद शाह का कहना है कि मामले में गांव के सभी समाज और मंदिर प्रबंधन की सहमति होने के बाद मूर्ति स्थापित करने की बात कही गई थी। ऐसे में विवाद की आशंका थी तो पहले नियमानुसार कलेक्टर से वैध स्वीकृति लेनी चाहिए थी। अभी भी बराहर समाज प्रक्रिया को पूर्ण करने के बाद मूर्ति स्थापित कर सकता है।

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