मणिपुर की राजधानी इंफाल में फसा मनोज पाल ने सरकार से लगाई मदद की गुहार, बोला- डर के साए में जी रहे हैं

शिवपुरी। जिले के करैरा तहसील के रहने वाले मनोज पाल मणिपुर की राजधानी इंफाल में फंसने का डर सता रहा है। मनोज नेशनल स्पोर्ट यूनिवर्सिटी के एक हॉस्टल में फंसा हुआ है। उसके साथ मध्यप्रदेश के कई और छात्र भी फंसे हुए हैं। पिछले चार दिनों से वे डर के साए में रहने को मजबूर हैं। मध्यप्रदेश सरकार तक वे बाहर निकालने की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। वे प्रदेश सरकार की ओर से आने वाली मदद की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं।

मनोज पाल ने दैनिक भास्कर को फोन पर बताया कि रविवार-सोमवार की दरमियानी रात असम राइफल के सैनिकों द्वारा पूरे हॉस्टल की लाइट बंद करा दी गई थी, जिससे रात भर डर का माहौल था। पिछले कुछ दिनों से इंटरनेट सुविधा भी बंद है। अब मोबाइल नेटवर्क भी दिक्कत करने लगे हैं। मैं और मेरे साथ प्रदेश के फंसे अन्य छात्र बस यहां से कैसे भी निकलने की कोशिश में हैं। वे लगातार मदद की गुहार लगा रहे हैं।

मनोज ने बताया मध्यप्रदेश सरकार की ओर से अब तक मदद नहीं पहुंची है, जबकि उड़ीसा, झारखंड, हिमाचल और राजस्थान के छात्रों ने अपनी सरकार से मदद की गुहार रविवार की सुबह लगाई थी। शाम को उनके हाथों में गवर्मेंट द्वारा भेजा गया टिकट आ गया। वे सभी छात्र अपने घर वापस जा रहे हैं। हमें भी आज सुबह इंफाल से निकालने के लिए टिकट की व्यवस्था करने की बात सरकार द्वारा कही गई थी, लेकिन सुबह 11 बजे तक सरकार को कोई भी संदेश नहीं आया है।

मणिपुर इंफाल की राजधानी में फंसे मध्यप्रदेश के 13 छात्रों को वापस लाने के लिए नरवर के जनपद पंचायत अध्यक्षा प्रियंका गौरव पाल ने केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को एक पत्र लिखकर सभी छात्रों को जल्द से जल्द इंफाल से रेस्क्यू करने की अपील की है।

मनोज पाल के परिजन करैरा कस्बे में रहते हैं। मनोज के पिता आईटीबीपी में पदस्थ हैं, जो फिलहाल पंजाब में तैनात हैं। मनोज के परिजनों को मनोज की चिंता सता रही है। मनोज के बड़े भाई सुरेंद्र पाल का कहना है कि इतने दिन गुजर जाने के बाद भी मनोज सहित एमपी के अन्य छात्रों को अब तक इंफाल से रेस्क्यू नहीं किया गया है। इसके चलते उन्हें मनोज की चिंता सता रही है।

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