मोबाईल चोरी ने जिस पुलिसकर्मी ने युवती को पकडा: उसी ने आरक्षक सहित तीन साथियों पर GANG RAPE का झूठा मामला दर्ज कराया, कोर्ट से चारों बरी,युवती पर FIR के आदेश

शिवपुरी। बीते 26 अप्रैल को माननीय न्यायाधीश दीपाली शर्मा ने एक महत्वपूर्ण मामले में सुनवाई करते हुए गैंगरेप के चारों आरोपीयों को बरी किया है। इस मामले में माननीय न्यायालय ने सभी पक्षों की सुनवाई करते हुए डीएनए रिपोर्ट के आधार पर चारों आरोपीयों को दोषमुक्त किया है। साथ ही इस मामले में युवती के खिलाफ कार्यवाही के लिए लिखा गया है।

विदि​त हो कि बीते 21 मई 2015 को एक युवती को पुलिस ने मोबाईल चोरी के मामले में हिरासत में लिया था। इस मामले में पुलिस ने युवती के खिलाफ मोबाईल चोरी का मुकदमा दर्ज किया था। जहां से युवती ने माननीय न्यायालय में एक प्रायवेट इस्तिगासा लगाई। जिसमें ​किशोरी ने बताया कि वह नाबालिग है और वह बीते 21 मई 205 को मोबाईल खरीदने सचिन बनिया निवासी भौंती की दुकान पर गई थी।

व्यवसायी सचिन गुप्ता

मोबाईल पसंद आने पर उसने कीमत पूछी तो सचिन ने कहा कि मोबाईल पसंद कर ले और रख ले और दुकान की शटर के अंदर आ जा। उक्त बात का विरोध करने पर दुकान पर बैठे अन्य साथी भानू पुलिस बाला,सोनू एवं दुर्गेश बनिया ने जबरदस्ती उसे शटर के भीतर पटककर उसके साथ गैंगरेप किया। केप सिंह ने चिल्लाने की आबाज सुनकर शटर खुलवाई तब उसने केप सिंह को पूरी घटना बताई। ​किशोरी जब इस मामले की शिकायत करने भौंती थाने गई। परंतु भौंती थाना पुलिस ने इस मामले में किशोरी की रिपोर्ट नहीं लिखी। जिसके चलते किशोरी ने इस मामले में कोर्ट में प्रायवेट इस्तिगासा लगाई।

व्यवसायी दुर्गेश गुप्ता

इस मामले में माननीय न्यायालय ने आरोपी भौती थाने में पदस्थ आरक्षक भानू रावत सहित उसके साथी सोनू,दुर्गेश और सचिन बनिया के खिलाफ गैंगरेप सहित पोक्सों एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज कर आरोपीयों को गिरफ्तार करने के आदेश दिए। जिसके चलते पुलिस ने चारों आरोपीयों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। जहां से माननीय न्यायायल ने चारों आरोपीयों को जेल भेज दिया।

आरक्षक भानु रावत

इस मामले में माननीय न्यायालय ने जब किशोरी से जन्म प्रमाण पत्र के रूप में मा​र्कशीट मांगी तो मार्कशीट में वह बालिग पाई गई। साथ ही जब इस मामले में किशोरी और आरोपीयों का डीएनए कराया गया तो वह डीएनए भी मैच नहीं हुआ। जिसके चलते माननीय न्यायालय ने इस मामले में सुनवाई करते हुए पुलिसकर्मी भानू रावत जो अब वर्तमान में ग्वालियर में पदस्थ है सहित उसके तीनों साथियों को बइज्जत बरी करते हुए युवती को झूठे तत्य प्रस्तुत करने के लिए कार्यवाही के लिए आदेशित किया है। इस मामले की पैरवी अधिवक्ता शैलेन्द्र समाधिया और आशीष श्रीवास्तव ने की।

Advertisement

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *