ठगी का नया तरीका: ठगों ने शिक्षक की सिम बंद कराकर करा दी पोर्ट,खाता चैक कराया तो 13 लाख रूपए पार

शिवपुरी। प्रशासन भले ही ​पब्लिक को जागरूक करने के लिए सायवर क्राईम के तरीकों से लगातार अबगत कराकर जागरूक कर रही है। परंतु जिले में पुलिस डाल डाल और ठग पात पात की स्थिति निर्मित हो रही है। क्योंकि यह शातिर ठग पुलिस से एक कदम आगे है। जहां लोग सोचते भी नहीं है और यह ठग पहुंचते है और आपकी बिना जानकारी के आपके खातें को शून्य कर देते है। ऐसा ही मामला एक करैरा से प्रकाश में आया है। जहां एक शासकीय शिक्षक के बैंक खाते में सेंध लगाते हुए शातिर ठगों ने उसके खाते से 13 लाख रूपए पार कर दिए।

जानकारी के अनुसार करैरा कस्बे की महुअर कॉलोनी में निवास करने वाले उदय नारायण शर्मा पुत्र कालीचरण शर्मा ग्राम पंचायत खड़ीचा में शिक्षक के पद पर पदस्थ हैं। मई में उनकी बेटी की शादी है। उन्होंने बेटी की शादी के लिए स्टेट बैंक आफ इंडिया की गांधी रोड करैरा की शाखा से आठ लाख रुपये का लोन लिया था। लोन की राशि खाते में आने के बाद से ही उन पर अज्ञात व्यक्ति के फोन आना शुरू हो गए।

फोन करने वाला व्यक्ति उन्हें कहता था कि आपका एटीएम बंद होने वाला है। कभी-कभी वह व्यक्ति योनो चालू करवाने की बात करता था। पीड़ित शिक्षक ने पुलिस का बताया कि अज्ञात आरोपियों ने उसके घर की भी रेकी की। आरोपियों ने एटीएम कार्ड को लेकर न सिर्फ उसे फोन किए बल्कि उसके घर पर भी संपर्क किया कि आपका एटीएम बंद होने वाला है। शिक्षक का आरोप है कि आरोपियों के तार कहीं न कहीं बैंक से भी जुड़े हुए होंगे, क्योंकि उसके खाते में लोन का पैसा आते ही ठग सक्रिय हुए थे,1 अप्रैल से 15 अप्रैल तक उसके खाते से UPI के माध्यम से पैसा निकलता रहा।

शिक्षक के अनुसार जो व्यक्ति फोन करता था टू-कालर में उसका नाम राजीव सर एसबीआई के नाम से लिखा हुआ आता था। इन फोन काल के बाद से उसके साथ धोखाधड़ी शुरू हो गई। बकौल शिक्षक अचानक से उसकी बैंक से लिंक आइडिया की सिम बंद हो गई। जब उसने आइडिया कंपनी की दूसरी सिम निकलवाने के लिए करैरा स्थित फ्रेंचाइजी आफिस से संपर्क किया तो उन्होंने भी सिम निकालने में टालमटोल की और सिम नहीं निकली।

शिक्षक का कहना है कि जब उसे रुपयों की जरूरत पड़ी तो वह 15 अप्रैल को रुपये निकालने के लिए कियोस्क सेंटर पहुंचे, जहां पता चला कि खाते में से 13 लाख रुपये चोरी हो चुके हैं। इस पर उन्होंने आइडिया कंपनी को फोन लगाकर पूछा तो पता चला कि उनकी सिम आइडिया से पोर्ट हो चुकी है।

शिक्षक के अनुसार इस मामले में आइडिया कंपनी की बड़ी लापरवाही है, अगर वह उसकी नई सिम निकलवा देते तो शायद ऐसा नहीं होता। इसके अलावा शिक्षक का कहना है कि उसके हस्ताक्षर और अंगूठा के बिना आइडिया से सिम जिओ में कैसे पोर्ट हो गई। मामले की शिकायत शिक्षक ने 16 अप्रैल को पुलिस अधीक्षक को दर्ज करवाई थी जिस पर करैरा थाने में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।

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