पिता की मौत के बाद इकलौते बेटे की आस में जी रही थी दिव्यांग मां,इकलौता चिराग भी सडक हादसे में बुझ गया

करैरा। खबर जिले के करैरा अनुविभाग के अमोला थाना क्षेत्र के घसारही गांव से आ रही है। जहां चार दिन पहले हादसे का शिकार हुआ एक मां का इकलौता बेटा जिंदगी की जंग हार गया। अपने जबान बेटे की मौत की खबर से मां पूरी तरह से अपनी सुध बुध खो बैठी है। मां को आश थी उसका बेटा जिंदगी और मौत की जंग में जरूर जीतकर आएगा। परंतु उसे क्या पता कि वह यह जंग हार जाएगा।

जानकारी के अनुसार रवि बैश्य उम्र 20 साल के पिता की एक हादसे में मौत हो गई थी। वह अपनी दिव्यांग मां के साथ घसारही के मोटा गांव में रहता था। उसकी तीन बडी बहनें थी। जिनकी वह शादी कर चुका था। अब वह अपनी मां के साथ रह रहा था और मां अपने बेटे की शादी के सपने संजो रही थी। तभी 2 अप्रैल को रवि अपने मामा के यहां रामपुरा अमोला क्रेशर पर जा रहा था। तभी सामने से आ रही एक तेज रफ्तार कार ने रवि की बाईक को उडा दिया। जिससे रवि गंभीर रूप से घायल हो गया। रवि को उपचार के लिए जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया। जहां उसकी गंभीर हालात को देखते हुए चिकित्सकों ने उसे ग्वालियर रैफर कर दिया। जहां मां अपने बेटे के सही होने के लिए दुआएं मांग रही थी परंतु दुआ काम नहीं कर सकी और रवि ने आज दम तोड दिया।

जैसे ही उसकी मौत की खबर गांव में आई तो रवि की बहनों सहित मां का रो. रोकर बुरा हाल है। मां सरोज रो.रोकर कह रही है कि मेरा बेटा कहां चला गया, वो ही तो मेरे जीने का सहारा था। रो.रोकर मां बार.बार बेसुध हो रही है। इस घटना के बाद से पूरे गांव में मातम छाया रहा।

बताया गया है कि रवि अपने पिता की मौत के बाद से पूरे परिवार की जिम्मेदारी अपने कंधो पर उठाकर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा था। बताया गया है कि पहले रवि पहले एक होटल में काम करता था, इसके बाद वो महाराष्ट्र और गुजरात भी काम करने गया। वहां से आने के बाद वो एक ट्रक पर हेल्पर का काम करके परिवार का खर्चा चला रहा था। अब पुलिस इस मामले में ग्वालियर से डायरी आने का इंतजार कर रही है।

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