कूनो को छोडकर भागा ओवान चीता,बैराड के पास खरई से रेस्क्यू कर पिजरें में बापस लेकर गया विभाग

शिवपुरी। बीते 5 दिन से कूनों नेशनल पार्क की टीम के लिए परेशानी पैदा करने बाले ओवान चीता को चीत विशेषज्ञों और डाॅक्टरों की टीम ने एक खेत से ट्रेकुलाईज कर पिजरें में कैद कर लिया है। उसके बाद आज उसे अब कूनों नेशनल पार्क में फिर से छोडा जाएगा। इसके साथ ही मादा चीता आशा अभी भी धौरेट सरकार के जंगल में है।
कूनो प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार, ट्रेंकुलाइज करने के लिए सबसे पहले उसकी घेराबंदी की गई। चीते को इस तरह से घेरा गया कि वह एक ही निश्चित दिशा में भाग सके। उसी ओर इंजेक्शन लेकर बेहोश करने वाली टीम छुपकर खड़ी हो गई। जब चीता भागा तो उसे इंजेक्शन लगाकर बेहोश किया गया। चीते के बेहोश होते ही वन अमला और डॉक्टर विशेषज्ञों की टीम उसके पास पहुंची। उसकी आंखों पर कपड़ा लगाया, फिर ड्रिप लगाई गई। ऑक्सीजन भी लगाया गया।
मौके पर प्राइमरी ट्रीटमेंट देकर, चीते को पिंजरे में डालकर वन विभाग की टीम कूनो में वापस ले आई। इस दौरान कुछ ही दूरी पर किसान और ग्रामीण भी मौजूद थे। चीते को डाबरपुरा गांव निवासी किसान मोहन यादव खेत से पकड़ा गया है। यहां बता दे कि नामीबिया से 17 सितंबर को 8 चीतों को लाया गया था। इन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाड़े में रिलीज किया था। हाल ही में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों की दूसरी खेप कूनो लाई गई थी।
चीता ओवान शिवपुरी जिले के बैराड़ इलाके के डाबरपुरा और रामपुरा गांव के पास खेतों पर पहुंच गया था। वह दिन भर पेड़ के नीचे बैठा रहा। शाम 5 से 5रू30 के बीच दक्षिण अफ्रीका के चीता एक्सपर्ट मौके पर पहुंचे। उन्होंने इंजेक्शन गन तैयार की और धीरे.धीरे चीते के पास पहुंचकर निशाना लगाकर चीते को इंजेक्शन लगाया। चीता थोड़ा सा छटपटाया और बेहोश हो गया। फिर डॉक्टर और चीता एक्सपर्ट ने ओवान की आंखों पर पट्टी बांधी। उसे ड्रिप और ऑक्सीजन लगाई। इसके बाद उसे मिलकर पिंजरे में डाल दिया।
चीता ओवान करीब 5 दिन पहले 2 अप्रैल को कूनो नेशनल पार्क से बाहर निकल गया था। सबसे पहले रविवार को उसे झार बड़ौदा इलाके में देखा गया। इसके बाद वह लगातार अलग.अलग रिहायशी इलाकों में दिखा। गुरुवार को चीता शिवपुरी जिले के बैराड़ इलाके के डाबर पुरा गांव के पास खेतों में पहुंच गया था। शुरुआती दौर में जानकारी सामने आई थी कि चीते को ट्रेंकुलाइज किया जाएगाए तो उसे स्ट्रेस होगाए लेकिन चीते को ट्रेस करती हुई पीछे पहुंची वन विभाग की टीम ने दक्षिण अफ्रीका के चीता एक्सपर्ट और डॉक्टरों की टीम की मौजूदगी में ओवान को ट्रेंकुलाइज करके पिंजरे में डाला। इसके बाद कूनो में लाया गया। मादा चीता आशा भी कूनो नेशनल पार्क के रिजर्वेशन से पिछले 4 दिन से बाहर है। हालांकि, वह रिहायशी इलाकों के आसपास न होकर कूनो के बफर जोन इलाके में धौरेट सरकार के जंगल में ही है, जिस पर वन अमला लगातार निगरानी बनाए हुए हैं।