टाईगरों के भय पर मां की आस्था भारीः पूरी आस्था के साथ रात भर जंगल में पैदल जाते रहे श्रृद्धालु

शिवपुरी। कल से प्रारंभ हुए मां बलारपुर का मेला इस बार टाईगरों के भय पर भारी दिखाई दिया। नवरात्रा के पहले दिन से से तो ऐसा लग रहा था कि टाईगरों के भय के चलते यहां इस बार मेला फीका रहेगा। परंतु जैसे जैसे मेला की डेट नजदीक आई यहां आस्था पर टाईगरों का भय नहीं चल पाया।
दरअसल शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क के भीतर घनघोर जंगल में मां बलारी का मंदिर है और इस बार माधव नेशनल पार्क में तीन बाघों को छोड़ा जा चुका है। बाघों के खतरे को देखते हुए नेशनल पार्क प्रबंधन ने श्रद्धालुओं को चैत्र नवरात्रा में बलारी माता के दर्शन करने पर रोक लगाने का प्रयास किया था लेकिन श्रद्धालुओं में नाराजगी और प्रशासनिक दखल के बाद श्रद्धालुओं को बलारी माता के दर्शन करने के लिए माधव नेशनल पार्क के द्वार खोलने पड़े थे।
आज माधव नेशनल पार्क की सीमा के भीतर बलारी माता के मंदिर परिसर में मेला भरता है यह मेला लगभग सौ वर्षों से भरता हुआ आ रहा है इस मेले में शामिल होने देश के कोने कोने से लोग पहुंचते हैं। इसी के चलते यहां लाखों की संख्या में भीड़ जुटती है। हालांकि बलारी माता के दर्शन करने नवरात्रि के सभी दिवसों पर भीड़ पहुंचती है लेकिन सप्तमी को यहां बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ती है और मेला भी भरता है।
सोमवार से ही पैदल जाने वाले श्रद्धालुओं की सैलाब सड़कों पर उमड़ने लगा था जो रात होते होते बढ़ता ही गया। शुक्रवार की शाम में बलारी माता के रास्ते में दर्जनों की संख्या में निशुल्क भंडारों का आयोजन किया गया। इन भंडारों में शीतल पेय,सरबत मुख्य रूप से आलू की सब्जी के साथ पूड़ी का वितरण किया है। शिवपुरी शहर से लगभग 23 किलोमीटर दूर माता के मंदिर तक कई श्रद्धालु मन्नत मांगने पैदल जाते हैं तो कई श्रद्धालु मन्नत पूरी होने पर पैदल यात्रा करते है।
इसके साथ ही कई श्रद्धालु पेंढ भरते हुए माता के दरबार पहुंचते इसके साथ ही बाइक,चार पहिया वाहन,बस के जरिए भी श्रद्धालु मंदिर पहुंचते है। बीते सोमवार की रात बलारी माता मंदिर के मार्ग पर श्रद्धालुओं का सैलाब देखने को मिला श्रद्धालु डीजे की धुन पर माता कर मंदिर की बढ़ते हुए नजर आए श्रद्धालुओं के लिए बीच बीच मे निशुल्क शीतल पेय,भंडारे का आयोजन भी भक्तों द्वारा किया गया था।
भय पर आस्था भारी
हालही में माधव नेशनल पार्क में तीन बाघों को छोड़ा गया है। बाघ और आमजन की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए नवरात्रि के शुरुआती दिन माधव नेशनल पार्क प्रबंधन ने मां बलारी की जाने वाले मार्ग पर ताले लटका दिए थे जिससे श्रद्धालुओं में रोष बढ़ता ही जा रहा था। मंदिर के महंत को माधव नेशनल पार्क के दरवाजे पर धरने पर बैठना पड़ा था प्रशासनिक दखल के बाद माधव नेशनल पार्क के दरवाजे श्रद्धालुओं को कुछ शर्तों के साथ खोल दिए गए थे।
इसके बाद भी माधव नेशनल पार्क प्रबंधन ने बाघ के हमले की संभावना जताते हुए रात्रि के समय श्रद्धालुओं से पैदल न जाने की अपील की थी। इसके बावजूद शुक्रवार की रात हजारों की संख्या में मां बलारी के दरबार तक पैदल सफर तय किया। श्रद्धालुओं का कहना था कि पहले भी वह इसी तरह मां के दरबार तक पहुंचते रहे है उन्हें किसी का भय नहीं है। हालांकि इस दौरान पुलिस प्रशासन सहित माधव नेशनल पार्क का प्रबंधन अलर्ट मोड़ पर रहा।