भारतीय संविधान में हिंदू राष्ट्र का प्रावधान नहीं,बाबा बताए कि उन्हें भारतीय संविधान पर भरौसा नहीं: दिग्विजय सिंह

शिवपुरी। बीते रोज शिवपुरी दौरे पर आए मध्यप्रदेश शासन के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शिवपुरी में अपने मंडल अध्यक्षों के साथ बैठक लेते हुए उनमें जोश भरा। इस दौरान उन्होंने शिवपुरी विधायक यशोधरा राजे सिंधिया को घेरते हुए कहा कि इस बार माहौल यशोधरा राजे के खिलाफ, भाजपा से भी लोग नाराज, हमारे पास दमदार उम्मीदवार है। इस बार वह आसानी से चुनाब हारेगी।

इसी के साथ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के हिन्दू राष्ट्र बनाए जाने वाले बयान पर कहा- भारतीय संविधान में हिन्दू राष्ट्र का प्रावधान नहीं है। अब बाबा जी ही बताए कि उन्हें भारतीय संविधान में भरोसा है कि नहीं। जो उनके पास कथा सुनने जाते हैं, वह भी बताए कि उन्हें भारतीय संविधान में भरोसा है या नहीं। अगर इन लोगों को भरोसा नहीं है तो सभी भाजपा के विधायक, मंत्रियों को इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि उन्होंने भारतीय संविधान की शपथ ली है।

कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारियां शुरू कर दी हैं। दिग्विजय सिंह कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों में की हौसला अफजाई करने शुक्रवार को शिवपुरी पहुंचे। जहां उन्होंने पहले मंडल अध्यक्षों की बैठक ली। पूर्व मुख्यमंत्री ने कार्यकर्ताओं को बताया कि शिवपुरी की पांचों विधानसभा की सीटों पर कैसे विजय प्राप्त करें। कार्यकर्ताओं ने भी उनसे सुझाव लिए।

लाडली बहना योजना को लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश की बहनों को रिझाने के लिए लाडली बहना योजना नाम का ट्रंप कार्ड खेला है। भाजपा सरकार को चुनाव के पहले बहनों की याद आई। ये सरकार के वादे हैं, जो कभी पूरे होते नहीं हैं। योजना के फॉर्म भरने के नियम इतने कठोर बनाए हैं, इसमें मुश्किल से पांच या दस फीसदी महिलाओं को फायदा हो पाएगा। सरकार एक हजार रुपए खाते में डालकर तीन हजार रुपए जेब से निकाल रही है। हर चीज महंगी हुई है।

केजरीबाल को बताया भाजपा के ऐंजेट
मध्यप्रदेश में आप पार्टी की एंट्री को लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा- मैं वर्ष 2012 से कह रहा हूं कि अरविंद केजरीवाल आरएसएस और बीजेपी की टीम है। उनको वोट देना समझो बीजेपी को वोट देना। पूर्व मुख्यमंत्री प्रदेश में बेरोजगारी को लेकर कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने पांच से छह साल में भर्ती निकालकर साढ़े चार सौ करोड़ की फीस वसूल की है। इसके बाद एग्जाम रद्द कर देते हैं। नियुक्तियां होती नहीं हैं। कांग्रेस सरकार ने कभी बेरोजगारों से फीस नहीं वसूली। सरकार बेरोजगारों के साथ अन्याय कर रही है।

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