कूनों के बाद अब शिवपुरी में टाईगर बसाने की तैयारी तेज, भोपाल के अधिकारी नबंबर तक शिवपुरी में टाईगर बसाना चाहते है

शिवपुरी। जिले के पडौसी जिले श्योपुर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8 चीतों को अपने जन्मदिन पर पब्लिक के लिए गिफ्ट किया है। 74 साल बाद भारत की धरती पर फिर से चीतों की दहाड देखने को मिलेगी। इसी बीच अब अच्छी खबर शिवपुरी के लिए भी है। यहां अब प्रशासन टाईगरों को लाने की पूरी तैयारी में जुट गए है। कार्यक्रम के दौरान ही केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिधिया ने कहा था कि अब वह जल्द ही शिवपुरी में टाईगर लेकर आएगे। शिवपुरी में टाईगर आते ही यह पूरा रूट प्लान पर्यटकों के हिसाब से माकूल रहेगा। पर्यटक ओरछा,खुजराहो,झांसी का किला देखते हुए शिवपुरी आएगा। जहां शिवपुरी में अगर टाईगर मिल गए तो वह शिवपुरी में टाईगर देखकर कूनों जाएगा। उसके लिए उसे राजस्थान के सबाईमाधौपुर नहीं जाना पडेगा। यह एक रूट तय हो जाएगा।
सूत्रो की माने तो माधव नेशनल पार्क में पांच टाइगर लाने की सहमति मिल चुकी है। माधव नेशनल पार्क में टाइगर की पुर्नस्थापना के तैयारियां तेज हो गई हैं। भोपाल के अधिकारी चाहते हैं कि नवंबर तक ही यहां टाइगर ले आए जाएं। इस माह के अंत तक वन विभाग टाइगर के लिए बनने वाले बाड़े के टेंडर रिवाइज करके जारी किया जाएगा। सप्लाई पूरी होने के बाद बाड़े बनने में करीब 15 दिन का ही समय लगेगा।
टाइगर के लिए बनने वाला बाड़ा अपेक्षाकृत रूप से छोटा होगा क्योंकि इन्हें बहुत कम समय के लिए इसमें रखा जाना है। इनके राष्ट्रीय उद्यान के वातावरण में अभ्यस्त होते ही इन्हें खुले में छोड़ दिया जाएगा। अभी तक पांच टाइगर अलग.अलग चरणों में लाने की तैयारी है, लेकिन केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि वे प्रयास कर रहे हैं कि एक साथ पांच टाइगर यहां बसाए जाएं। फ्री रेंज टाइगर बसने के बाद टाइगर सफारी प्रोजेक्ट पर आगे का काम किया जाएगा। यहां टाइगर आने के बाद ग्वालियर.चंबल संभाग में बिग .3 कैट होंगे। यहां तेंदुए पहले से हैं और चीते भी बसाए जा चुके हैं।
अभी माधव राष्ट्रीय उद्यान का जो स्टाफ है वह टाइगर के लिए प्रशिक्षित नहीं है। पहले चरण में जो तीन टाइगर लाए जाने हैं वे प्रदेश की ही टाइगर सफारी से आएंगे। संभवतः यह कान्हा और पन्ना से शिवपुरी लाए जाएंगे जिससे इनके जीन पूल भी अलग.अलग होंगे। इसके लिए पहले स्टाफ का प्रशिक्षण दिया जाएगा। अलग.अलग सत्रों में स्टाफ को प्रशिक्षण के लिए बाहर भी भेजा जाएगा।
कूनो श्योपुर जिले में है, लेकिन शिवपुरी और श्योपुर के यह लगभग बीच में ही है। ऐसे में जो पर्यटक चीतों को देखने के लिए आएंगे वे महज 60 किमी का सफर तय कर माधव राष्ट्रीय उद्यान में बाघ भी देख सकेंगे। दिसंबर तक पर्यटक चीते नहीं देख पाएंगे क्योंकि वे बाड़े में ही रहेंगे। ऐसे में जब चीते पर्यटकों के देखने के लिए उपलब्ध होंगे तब तक माधव राष्ट्रीय उद्यान में भी बाघ आ जाएंगे। इससे कूनो आने वाले पर्यटक यहां भी आएंगे।