शिक्षा विभाग का कारनामा: 6 छात्रों का जीवन खतरें में, उन्हें नही पता कि वह 8 वीं की परीक्षा देंगे या 5 वीं की,पढाई 8 वीं की,नाम 5 बीं में कर दिया

शिवपुरी। जिले में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी ने जिले में शिक्षकों की मॉनीटरिंग प्रारंभ की है। जिसके चलते शिक्षक स्कूल तो समय पर पहुंचने लगे है। परंतु शिक्षा विभाग की एक बडी लापरवाही सामने आई है। यहां कक्षा 8 में पढने बाले 5 छात्रों को शिक्षक की एक गलती ने कक्षा 5 का छात्र बना दिया। छात्र 8 बीं कक्षा में पढने तो जा रहे है परंतु उनका नाम 5 वीं कक्षा में दर्ज है। जिसके चलते छात्र और उनके परिजन ​परेशान है। अब इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी ने शिक्षक पर कार्यवाही की बात कही है।

दरअसल जिले के शासकीय माध्यमिक विद्यालय नयागांव स्कूल में एक भी शिक्षक पदस्थ नहीं है। यह स्कूल शिक्षक विहीन हो गया है। ऐसे में अतिथियों के भरोसे यहां का विद्यालय संचालित है।इसी के पास के गांव में संचालित शासकीय प्राथमिक विद्यालय थरखेड़ा है। यहां के सरकारी स्कूल में सपना, सखी, अमन, अंकित, रूपेश और सुशील के नाम दर्ज हो गए हैं। जबकि यह माध्यमिक विद्यालय थरखेड़ा के कक्षा 8 के विद्यार्थी हैं। यह बड़ी गलती इसलिए हो गई क्योंकि यहां शासकीय माध्यमिक विद्यालय में पदस्थ शिक्षक का स्थानांतरण प्राथमिक विद्यालय थरखेड़ा में हो गया।

और जब शिक्षक ने मेरिट कम मींस परीक्षा के फार्म भरे तो उसमें इन बच्चों के नाम भी दर्ज हो गए। शिक्षक की आईडी से यह पंजीयन होने से इन्हें प्राथमिक विद्यालय थरखेड़ा का विद्यार्थी बना दिया गया, जबकि यह माध्यमिक विद्यालय नया गांव के विद्यार्थी थे। ऐसे में इन विद्यार्थियों की परेशानी इसलिए बढ़ गई है क्योंकि इनकी परीक्षा आने वाली है, और अब यह प्राथमिक परीक्षा देंगे या माध्यमिक परीक्षा यह अब तक तय नहीं हो सका है,इसलिए परेशान होकर अभिभावक शिवपुरी आए और उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी समर सिंह राठौड़ को शिकायती आवेदन सौंपकर कहा कि वह जल्द कार्रवाई करें, ताकि बच्चों का भविष्य बिगड़ने से बच जाए।

सुधार नहीं हुआ तो 6 बच्चे 3 साल पीछे चले जाएंगे
ग्रामीण क्षेत्र से आए अभिभावकों ने अपनी परेशानी, शिकायत रखते हुए कहा कि गलती शिक्षक ने की है उसे आवेदन में सुधार करना चाहिए। लेकिन 2 महीने हो गए अब तक कोई सुधार नहीं हुआ। इसलिए शिकायत करने हम शिवपुरी आए। अभिभावक कालूराम और देवकीनंदन ने बताया कि यदि हमारे बच्चों की प्रवेश प्रक्रिया में सुधार नहीं हुआ तो उन्हें कक्षा 5 की परीक्षा दोबारा पास करनी होगी, जिसके लिए बच्चे तैयार नहीं है। अभिभावकों ने यह भी बताया कि मेरिट कम मींस परीक्षा से तो विद्यार्थी वंचित रह ही गए अब ओलंपियाड की परीक्षा भी बच्चे नहीं दे पाएंगे, क्योंकि उनके पंजीयन मिडिल स्कूल में है ही नहीं । ऐसे में महीने भर बाद होने वाली परीक्षा में कक्षा 8 की परीक्षा में यह बच्चे शामिल हो सकेंगे, इसमें अभी भी अभिभावकों को संशय है।

इनका कहना है
आमतौर पर ऐसा होता नहीं है लेकिन जो घटना इन विद्यार्थियों के साथ घटी है वह चौंकाने वाली है। हम शिक्षक को तो नोटिस जारी करेंगे ही साथ ही वह कार्रवाई के दायरे में भी आएगा। क्योंकि विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का अधिकार किसी भी शिक्षक को नहीं है।-

समर सिंह राठौर , जिला शिक्षा अधिकारी, शिवपुरी

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