पति की गढ्ढे में गिरने से मौत, घर में नहीं है कोई कमाने बाला, भूखे मरने की है नौंवत

शिवपुरी। साहब मेरे पति की मौत गड्ढे में गिरने से हो चुकी है। पति की मौत के बाद घर मे कोई कमाने वाला नहीं बचा है। इसके चलते बच्चों की भूखे मरने की नौबत आ चुकी है। अगर उसके पति की मौत पर नियम अनुसार आर्थिक सहायता राशि उसे मिल जाए तो बच्चों का पालन पोषण करने और उन्हें पढ़ाने में मदद मिल सकेगी। यह फरियाद बदरवास अनुविभाग के चितारा गांव की रहने वाली सेलकुमारी पत्नी स्व. राजू परिहार ने जनसुनकाई में पहुंचकर कलेक्टर से लगाई।
गड्ढे में गिरने से हुई थी पति की मौत, तभी से हुए बेसहारा
सेल कुमारी परिहार ने बताया कि मेरे तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं। 16 जुलाई 2022 को मेरे पति की मौत गांव के बाहर गड्ढे में गिर कर हो गई थी। इसके बाद से उनकी माली हालत बिगड़ती ही जा रही है। उनके पास न के बराबर जमीन है, जिससे गुजारा नहीं हो पा रहा है। तीन बच्चों के भरण-पोषण एवं उनके पढ़ाई-लिखाई का खर्चा वह नहीं उठा पा रही है। अगर सरकार की ओर से नियमानुसार मिलने वाली आर्थिक सहायता राशि मिल जाए तो वह अपने बच्चों भरण पोषण कर उन्हें पढ़ा-लिखा सकेगी। बच्चों के भविष्य को देखते हुए वह आज कलेक्टर से मदद की गुहार लगाने पहुंची है।
चावल खिलाकर मिटा रही हूं बच्चों की भूख
सेल कुमारी ने बताया है कि वह बीपीएल कार्ड धारक है। इसके बावजूद उसे मिलने वाला राशन में गेहूं की जगह चावल सेल्समैन द्वारा थमा दिए जाते हैं उन्हीं चावलों को खिलाकर वह अपने बच्चों का पेट भर रही है। राशन की दुकान का सेल्समैन उन्हें गेहूं की जगह हर बार चावल थमा देता है और उसके पास गेहूं खरीदने के लिए पैसे तक नहीं है। इसीलिए वह और उसके बच्चे चावल खाकर गुजारा कर रहे हैं। अगर उसे प्रशासन की ओर कुछ सहायता राशि मिल जाए तो ऐसी कई परेशानियों से उसे निजात मिल सकती है।