अस्पताल की चौखट पर प्रसूता को छोडकर भागा एम्बुलेंस चालक, खुले में जन्मा नवजात,कोई देखने आने तक तैयार नही

शिवपुरी। जिला चिकित्सालय अपनी कारगुजारीयों के चलते हमेशा सुर्खियों में रहता है। यहा स्टाफ खुलेआम लोगों के साथ बदतमीजी के साथ साथ काम में लापरवाही के चलते सुर्खियां बटौरता रहता है। यहां हालात यह है कि मरीज पहुंचता तो अपनी परेशानी में है। परंतु यहां पहुंचकर वह इतना परेशान हो जाता है कि उसे अपनी परेशानी कम लगने लगती है और मरीज वहां से भागने को मजबूर हो जाता है।
ऐसा ही मामला आज जिला चिकित्सालय से प्रकाश में आया है। जहां आज एम्बुलेंस चालाक की लापरवाही से कडाके की ठंड में एक प्रसूता को खुले में बच्चे को जन्म देने के लिए मजबूर होना पडा। लापरवाही महज इतनी थी कि एम्बुलेस चालाक अस्पताल में पहुंचने के बाद प्रसूता को एक मिनिट भी अस्पताल में खडी एम्बुलेंस में रखने तैयार नहीं था। जिसके चलते प्रसूता ने इस कडकडाती ठंड में खुले में बच्चें को जन्म दिया है।
जानकारी के अनुसार लालगढ़ गांव की रखने वाली प्रसूता छाया परिहार पत्नी भगवान सिंह उम्र 35 साल को आज दोपहर तेज प्रसव पीड़ा होने लगी थी। परिजनों ने तत्काल 108 एम्बुलेंस से संपर्क किया था। एम्बुलेंस भी समय पर प्रसूता को लेने लालगढ़ गांव पहुंच गई थी। लेकिन अस्पताल पहुंचते-पहुंचते प्रसव की स्थिति बन गई।
108 एम्बुलेंस ने प्रसूता को समय पर जिला अस्पताल पहुंचा दिया था। प्रसूता छाया के पति मोहन सिंह ने बताया कि एम्बुलेंस चालक को जल्दबाजी थी। मेरा एम्बुलेंस चालक से कहना था कि हॉस्पिटल का स्टॉफ आने तक वह मेरी पत्नी को एंबुलेंस में ही रहने दे लेकिन एम्बुलेंस का ड्राइवर नहीं माना। उसने मेरी गर्भवती पत्नी के एम्बुलेंस से नीचे उतार दिया।
इस बीच मैं भागकर अस्पताल के स्टॉफ को बुलाने गया लेकिन अस्पताल का स्टाफ मदद के लिए नहीं आया। प्रसूता को लेने आने में देर कर दी। इसके बाद मेरी पत्नी छाया ने अस्पताल की चौखट पर ही खुले आसमान के नीचे बेटे को जन्म दे दिया। प्रसव के उपरांत प्रसूता को अस्पताल के अंदर भर्ती कराया गया। जहां अब जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ्य है।