CM के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट गए CMO अवस्थी को हाईकोर्ट से भी राहत नहीं, याचिका खारिज

शिवपुरी। मध्यप्रदेश में शिवपुरी जिला एक ऐसा जिला है। जहां एक बार अधिकारी की पोस्टिंग हो जाए बस उसके बाद यहां से जाने का नाम नहीं लेता। यहां से अगर किसी अधिकारी का ट्रांसफर हो भी जाता है तो वह जुगाड लगाकर बापिस आने में पूरी ताकत झौंक देता है। यहां अधिकारीयों को डर या भय इतना भी नहीं है कि यहां पदस्थ सीएमओं को मंच से सस्पेंड करने के बाद वह माननीय मुख्यमंत्री के आदेश के खिलाफ ही हाईकोर्ट पहुंच गए। जहां हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की याचिका को खारिज कर दिया।
जानकारी के अनुसार बीते 12 दिसम्बर को शिवपुरी दौरे पर आए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंच से ही शिवपुरी नगर पालिका के मुख्य नगर पालिका अधिकारी शैलेश अवस्थी को संस्पेड कर दिया था। इस मामले को लेकर सीएमओं शैलेश अवस्थी ने हाईकोर्ट की शरण लेते हुए मुख्यमंत्री के आदेश को ही चुनौती दे डाली।
शैलेश अवस्थी ने अपनी याचिका में तर्क दिया कि मुख्यमंत्री ने मंच से निलंबित किया है। जनता में अपनी छवि को चमकाने के लिए उन्होंने ऐसा किया है। जिससे मुख्यमंत्री सुर्खियों में आ सकें। मुख्यमंत्री द्वारा की गई निलंबन की घोषणा सुर्खियां भी बनी थीं। ऐसा कोई गंभीर आरोप उनके ऊपर नहीं थे, जिसके आधार पर निलंबित किया जा सके। शासकीय अधिवक्ता ने इस याचिका का विरोध किया।
उनकी ओर से तर्क दिया गया। कि प्रधानमंत्री आवास योजना, सीएम हेल्पलाइन सहित अन्य कार्य में लापरवाही थी। इससे व्यवस्थाएं बिगड़ रही थीं। इसके चलते उन्हें निलंबित किया गया है। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद याचिका खारिज कर दी। ज्ञात है कि विदिशा में सांख्यिकी अधिकारी को मंच से निलंबित किया था, लेकिन इनके निलंबन के आदेश में मुख्यमंत्री का हवाला दिया गया था, जिसके चलते राहत मिल गई थी। इसी को बेस बनाकर वह अपना संस्पेशन रद्द कराना चाहते है।