परिवार परामर्श: बहु को मिलेगा संपत्ति में से हिस्सा और नौकरी, 20 लाख की FD के साथ साथ देना होगें 2 लाख 30 हजार

शिवपुरी। जिले में परिवार परामर्श की टीम की मेहनत लगातार रंग ला रही है। यहां परिवार परामर्श केन्द्र की टीम की काउंसलिंग से कई टूटते परिवार फिर से जुड रहे है। और कई परिवारों में पीडित परिवार को जायज अधिकार मिल रहे है। इसी के चलते आज पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित परिवार परामर्श केन्द्र के शिविर में सुनवाई योग्य 11 प्रकरणों में से 5 में राजीनामा तथा 1 प्रकरण में आंशिक राजीनामा कराने में सफलता प्राप्त हुई। समझौता न हो पाने वाले प्रकरण महिला प्रकोष्ठ को वापस कर दिए गए।
इस दौरान एक मामला सबसे ज्यादा चर्चा में आया। वह था एक विधवा महिला का। यह विधवा महिला पढी लिखी महिला है। इसके पति का देहांत लगभग डेढ साल पहले हो गया था। उसके यहां एक साढे तीन साल का बेटा भी है। परंतु अब उस महिला को उसके ससुराल बालों ने संपत्ति में से हिस्सा देने से मना कर दिया। जिसके चलते महिला के सामने बच्चे के लालन पालन का संकट खडा हो गया।
जिसके चलते महिला ने इस मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल से की। जहां राजेश सिंह चंदेल ने मामले की गंभीरता को समझते हुए इस मामले को परिवार परामर्श के पास भेजा। इस दौरान परामर्श दाताओं की समझाइश और बातचीत के बाद उक्त महिला का ससुर अपने साढे तीन वर्षीय नाती के नाम 20 लाख रुपए एफ डी 21 साल की अवधि के लिये कराने पर सहमत हो गया। साथ ही 2 लाख 30 हजार नगद बहू को देना भी मंजूर किया।
इसके साथ ही ससुर ने स्वीकार किया कि मकान और एक प्लॉट में महिला का हिस्सा रहेगा। यह बात उन्होंने लिखित में स्वीकार करते हुए कही। इसके साथ ही महिला के मायके बालों ने दहेज में अपनी बेटी को क्रेटा कार दी थी। यह कार भी ससुरालजनों के पास थी। जिसे बापस करने की बात परिवार परामर्श की टीम ने कही। जिसपर महिला ने कहा कि वह उस कार का क्या करेगी। उसके पास कार चलाने के लिए कोई नहीं है। जिसके चलते इस बात पर सहमति बनी कि ससुरालजन उक्त कार को बेचकर जो भी पैसे मिलेगे उसे महिला को देने होगे।
उक्त विधवा विवाह के पूर्व में स्पोर्ट टीचर के रूप में काम करती थी यह जानकर गुरु नानक इंटरनेशनल स्कूल के संचालक महिपाल अरोरा ने जो कि परिवार परामर्श केंद्र के सदस्य भी हैं और इस केस की काउंसलिंग भी कर रहे थे उन्होंने अपनी ओर से उन्हें अपने स्कूल में स्पोर्ट टीचर के रूप में काम करने का प्रस्ताव देकर उस विधवा महिला की रोजगार की समस्या का भी निराकरण कर दिया।
एक अन्य प्रकरण में गुना निवासी रमेश का विवाह शिवपुरी निवासी रश्मि के साथ 7 वर्ष पूर्व हुआ था और संतान न होने के कारण दोनों के बीच विवाद था दोनों ही पति पत्नी ग्रेजुएट थे समझा इसके बाद दोनों साथ रहने को तैयार हो गए डॉ नीति अग्रवाल ने महिला को चिकित्सीय परामर्श भी दिया तथा उसके पति को संतानहीन की भ्रांति को भी दूर किया साथ मेडीकल कालेज से निशुल्क इलाज उपलब्ध कराने का भी कहा। दो प्रकरणों में शराब खोरी पति पत्नी के बीच विवाद और संबंध विच्छेद का कारण बनता जा रहा था परामर्श दाताओं के द्वारा समझा इसके बाद इसमें भी समझौता कराने में सफलता प्राप्त हुई।
