शहर के एक चौथाई हिस्से पर फोरेस्ट ने जताया अपना हक, राघवेन्द्र नगर, तुलसीनगर सहित कई कॉलोनीयों के नाम, 2 हजार परिवारों में मचा हडकंप

शिवपुरी। बीते रोज शहर में उस समय हडकंप की स्थिति निर्मित हो गई जब शहर के लगभग एक चौथाई इलाके पर फोरेस्ट की टीम ने अपना हक जताते हुए तहसीलदार रऔर रजिस्ट्रार को पत्र जारी किया है। इस पत्र में स्पष्ट उल्लेख किया है कि इन क्षेत्रों में किसी भी तरह से जमीनों की रजिस्ट्री व खरीदी-बिक्री न की जाए। वन विभाग की इस दावेदारी ने जहां 2 हजार परिवारों में हड़कंप की स्थिति निर्मित कर दी है, वहीं उक्त जमीन राजस्व रिकार्ड में भी नजर आ रही है।
जिन सर्वे नंबरों को वन विभाग ने अपना बताया है, उसमें राघवेंद्र नगर कॉलोनी, तुलसीनगर, आईटीबीपी, हवाई पट्टी व फतेहपुर क्षेत्र शामिल हैं। रजिस्ट्रार का कहना है कि पत्र आने के बाद से ही हमने उक्त क्षेत्रों में रजिस्ट्री बंद कर दी, तथा मामला शासन के पास निराकरण के लिए भेजा गया है।
अभी हाल ही में शिवपुरी से स्थानांतरित हुईं डीएफओ मीना कुमारी मिश्रा ने 30 दिसंबर 2021 को एक पत्र तहसीलदार शिवपुरी व रजिस्ट्रार को जारी किया। जिसमें शिवपुरी शहर की मदकपुरा, मगरोरा, शिवपुरी एवं फतेहपुर के कुल 376 सर्वे नंबरों को वन विभाग की जमीन बताते हुए उस पर किए जा रहे अतिक्रमणों को रोकने तथा वहां हो रही जमीनों की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाए जाने के लिए लिखा है। इतना ही नहीं इस जमीन पर बनाए जा चुके भवनों की रजिस्ट्री एवं नामांतरण को भी निरस्त करने के लिए लिखा गया है। डीएफओ द्वारा जारी इस पत्र ने उक्त क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों की चिंता बढा दी है। इन क्षेत्रों में रहने वाले लोग न तो कोई मकान खरीद पा रहे हैं और न ही कोई अपना मकान बेच पा रहा है।
सिंधिया के टाइगर सफारी पर फोरेस्ट का ग्रहण
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के शिवपुरी में टाइगर सफारी के सपने पर फोरेस्ट के पत्र ने ग्रहण लगा दिया। शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क में टाइगर लाने के साथ ही टाइगर सफारी के दो अलग-अलग प्रोजेक्ट चल रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का सपना है कि शिवपुरी में टाइगर सफारी बने तथा उसमें न केवल टाइगर बल्कि सभी तरह के वन्यजीवों को उसमें रखा जाए। ताकि बाहर से आने वाले सैलानियों को यदि माधव नेशनल पार्क में टाइगर न दिख पाए तो वे टाइगर सफारी में न केवल टाइगर बल्कि सभी तरह वन्यजीव उन्हें एक ही जगह पर नजर आ सकें। टाइगर सफारी के लिए हवाई पट्टी के आसपास की जमीन प्रस्तावित थी, जिसे फोरेस्ट ने अपना बताया।
इन क्षेत्रों को बताया वन विभाग ने अपना
शिवपुरी शहर के जिस हिस्से को वन विभाग ने अपना बताया है, उसमें शिवपुरी शहर के झांसी तिराहे से इंडस्ट्रियल एरिया तक को अपना बताया है। इसमें राघवेंद्र नगर कॉलोनी, तुलसीनगर, कालीमाई मंदिर, आईटीबीपी एरिया, हवाई पट्टी, दुग्ध इंडस्ट्रीज, भेड़ फार्म, लुधावली, मदकपुरा, गौशाला, इंडस्ट्रीज एरिया के अलावा फतेहपुर क्षेत्र के सर्वे नंबरों की लिस्ट भेजी है। उक्त क्षेत्रों में लगभग 2 हजार से अधिक रिहायशी मकानों के अलावा लगभग पांच सौ लघु उद्योग इसकी चपेट में आ रहे हैं।
डीएफओ ने अपने पत्र में जो क्षेत्र बताए हैं, उससे आधा शहर ही फोरेस्ट में आ जाएगा। जिन सर्वे नंबरो को वन विभाग अपना बता रहा है, वो नंबर राजस्व के रिकार्ड में भी है। मामला अभी शासन स्तर पर विचाराधीन है, जहां से निराकरण होना है।
नरेशचंद्र गुप्ता, तहसीलदार शिवपुरी
पत्र आने के बाद से बंद कर दीं रजिस्ट्री
वन मंडलाधिकारी के यहां से जब पत्र आया तो उन क्षेत्रो में हमने रजिस्ट्री करना ही बंद कर दिया। यह एरिया मदकपुरा, लुधावली, गौशाला के अलावा और भी बड़ा क्षेत्र उसमें शामिल है। इसका निराकरण शासन स्तर पर होना है और जो आदेश आएंगे, उसका पालन करेंगे।
देवेंद्र पुरोहित, रजिस्ट्रार शिवपुरी
अभी टाइगर सफारी के लिए कोई जगह तय नहीं की है। हवाई पट्टी के पास जो जगह पहले बताई जा रही थी, वो व उसके आसपास की जमीन तो फोरेस्ट की है, जिस पर वो दावा कर रहे हैं। नेशनल पार्क के अंदर टाइगर सफारी नहीं खुलेगी, बल्कि वो राजस्व की जमीन पर बनेगी।
उत्तम शर्मा, सीसीएफ, माधव नेशनल पार्क