सहाब! हम हॉस्टल की छात्राएं है, इसमें दाल है या फिर यह दाल का पानी है, ऐसी दाल तो ढोर भी नहीं खाते

शिवपुरी। आज कलेक्ट्रेट कार्यालय में आई शासकीय अनुसूचित जाति कनया पोस्ट मैट्रिक महाविद्यालय की छात्राओं ने अपनी वार्डन पर बेकार खाना देने का आरोप लगाया है। छात्राए अपने साथ दाल लेकर भी पहुंची। और दाल को दिखाते हुए कलेक्टर से बोली कि यह दाल है जो हमे मिलती है। इस दाल में अगर दाल मिल जाए तो आप ही देख लो,ऐसी दाल को ढोर भी नहीं खाते।

पीडित छात्राओं ने कलेक्टर से शिकायत करते हुए बताया है कि वह शासकीय अनुसूचित जाति कन्या पोस्ट मैट्रिक महाविद्यालयीन छात्रावास की छात्रा है। छात्रा मंजू अहिरवार ने बताया कि हॉस्टल वार्डन नाश्ते में खिचड़ी, चावल, दलिया के अलावा कुछ भी नहीं देती है। नाश्ते की क्वालिटी भी खराब रहती है। इसके अलावा खाने में हर रोज आलू और दाल के अलावा कुछ नहीं दिया जाता है। उसमें पानी के अलावा कुछ नहीं होता। दाल में दाल को ढूंढना पड़ता है। इससे हॉस्टल की छात्राओं के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है।

नाश्ते और खाने को लेकर वार्डन के खिलाफ कई शिकायतें की गई है। लेकिन आज दिनांक तक नाश्ते और खाने में कोई सुधार नहीं हुआ है। बार-बार शिकायत करने पर वार्डन छात्राओं को धमकाती है। आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला संयोजक महावीर जैन का कहना है कि छात्राओं ने गुणवत्ताहीन खाना मिलने की शिकायत कलेक्टर से दर्ज कराई है। कलेक्टर ने 2 महिला अधिकारियों को जांच के लिए नियुक्त किया है, वह उनके साथ जाकर छात्रावास की जांच करेंगे। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

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