शिवपुरी में नहीं सॉस फैक्ट्री: अपने टमाटर की क्रेट भरकर कलेक्ट्रेट पहुंचे किसान, बोले 1 रूपए KG बिक रहा है

शिवपुरी। आज कलेक्ट्रेट में आयोजित जनसुनवाई में किसान टमाटर से भरी क्रेट लेकर पहुंचे तो लोग इसे देखते रहे। दरअसल किसानों का आरोप है कि शिवपुरी में अभी कोई सॉस फैक्टी नहीं है। जिसके चलते किसानों का टमाटर व्यापारी महज एक रूपए किलो में खरीदकर उसे वाहर भेज रहे है। जिसके चलते लाखों रूपए की लागत लगाने बाले किसान परेशान है। किसानों का कहना है कि खपत के अनुसार देश की मंडियों में इस बार भी टमाटर पहुंचा है। परंतु पैदावार अधिक होने की वजह से इस वर्ष किसानों को टमाटर का भाव अच्छा नहीं मिल पा रहा है। इसके चलते आज शिवपुरी तहसील क्षेत्र के किसान कलेक्टर कार्यालय टमाटर की क्रेट लेकर पहुंचे और सॉस का उद्योग शिवपुरी में लगाए जाने की मांग को लेकर एक ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा है।
किसान रवि रावत का कहना है कि विगत 10 वर्षों से लगातार शिवपुरी का किसान टमाटर और शिमला मिर्च की खेती करता आ रहा है। टमाटर और शिमला मिर्च का उत्पादन भी बड़ी तादाद में होता है। इसके बावजूद किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसानों को टमाटर सहित शिमला मिर्च का अच्छा भाव नहीं मिल पा रहा है। शिवपुरी में किसानों को टमाटर एक रुपए किलोग्राम से भी कम में बेचना पड़ रहा है। इसके बावजूद किसानों के हित के लिए कोई भी कदम अब तक नहीं उठाई गए हैं।
किसान रवि रावत ने बताया कि शिवपुरी जिले में टमाटर की अच्छी पैदावार होती है। बावजूद इसके किसान बीते कई वर्षों से नुकसान भी उठा रहे हैं। ऐसे में अगर शिवपुरी में सॉस फैक्ट्री लगती है, तो जिले का किसान अधिक मात्रा में टमाटर का उत्पादन कर अच्छे दामों में सॉस फैक्ट्री को सीधे दे सकेगा, जिससे किसान को भी मुनाफा होगा। इसी मांग को लेकर आज कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन सौंपा है। जिससे जिले के किसानों की मांग कलेक्टर के माध्यम से सरकार तक पहुंच सके।
शिवपुरी जिले में बीते कुछ वर्षों से किसानों द्वारा ज्यादातर टमाटर की खेती की जाने लगी है। जिसके कारण टमाटर का लगातार उत्पादन बढ़ा है। बीते कुछ वर्षों पहले टमाटर में किसानों को अच्छा मुनाफा मिलने से टमाटर के प्रति किसानों का रुझान बढ़ा है। यही कारण है कि शिवपुरी जिले में किसानों ने टमाटर का 10 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में उत्पादन किया है। लेकिन टमाटर के दाम औंधे मुंह गिर गए हैं। जिसके कारण किसानों को नुकसान हो रहा है। किसानों का कहना है घटते दाम और बढ़ते खर्च से भी उन्हें घाटा हुआ है।