मगन बाई नही बन पाएगी सरपंच: आपत्ति में पता चला 1 लाख का बिल बकाया, आवेदन निरस्त

बदरवास। खबर जिले के बदरवास से आ रही है जहाँ सरपंच पद के लिए होने बाले उपचुनाव में गांव की मगन बाई का सपना उस समय टूट गया जब उनके फार्म पर विरोधी द्वारा आपत्ति लगाई गई थी। यह आपत्ति की जब प्रशासन ने जांच की तो यह आपत्ति सही पाई गई ओर रिटर्निंग ऑफिसर ने इस फार्म को रिजेक्ट कर दिया। अब सबाल उठता है की जब बिजली विभाग ने उसे एनओसी दी थी वह किस आधार पर दी थी।
जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत सुमेला में पहले सीट एसटीएसटी के लिए आरक्षण हुआ था। जिसमे इस पंचायत में कोई भी उम्मीदवार फार्म डालने नही आया। जिसके चलते यहां सरपंच की सीट खाली रह गई थी। अब इस सीट के लिए उपचुनाव होना है। जिसे लेकर प्रशासन ने इस सीट को अनारक्षित किया और फार्म डलवाये। जिसमे मगन बाई ने बिजली विभाग का न्योड्यूज लगाया। जिसमें कोई राशि बकाया नही थी। परंतु इस न्योड्यूज पर विरोधियों द्वारा आपत्ति दर्ज कराई। जिसमें पता चला कि मगन बाई पर तकरीबन एक लाख राशि के बकाया बिजली बिल एनओसी की पुनः जांच के चलते अंततः रिटर्निंग ऑफीसर प्रदीप भार्गव ने मगन बाई का सरपंच पद का आवेदन शुक्रवार को हुई जांच पड़ताल के बाद निरस्त कर दिया।
अब मगन बाई इस बार के पंचायत चुनाव में सरपंच पद पर अपनी दावेदारी नहीं दिखा सकेंगी। खास बात यह है कि पंचायत चुनाव के चलते जिले की 587 ग्राम पंचायतों में से इन 5 ग्राम पंचायतों में जिन वर्गों के लिए सरपंच पद आरक्षित किया गया वह उम्मीदवार ग्रामीण क्षेत्र में नहीं मिले।नतीजा यहां चुनाव निरस्त हो गया।
जब दोबारा यहां आरक्षण प्रक्रिया के बाद नामांकन दाखिल कराए गए तो 5 ग्राम पंचायतों के लिए 37 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल कर दिए। जिनमें 01 आवेदन रद्द हो जाने के बाद अब 36 उम्मीदवार मैदान में है। जिनकी किस्मत का फैसला मतदाता 5 जनवरी को करेंगे। दरअसल बदरवास पंचायत के अंतर्गत आने वाले सुमेला में एसटी महिला सीट के लिए पूर्व में आरक्षण किया गया लेकिन कोई भी मतदाता वहां पर इस वर्ग का नहीं था।
नतीजा यहां चुनाव नहीं हो सका और इस सीट को जब अनारक्षित महिला के लिए आरक्षित किया तो यहां सरपंच बनने के लिए 7 लोगों ने नामांकन दाखिल किए। एक नामांकन यहां इसलिए निरस्त हो गया क्योंकि विरोधी आवेदक प्रत्याशी ने आरोप लगाया कि मगन बाई ने सरपंच पद के आवेदन में जो बिजली कंपनी का शपथ पत्र दिया है वह गलत है, इन पर राशि बकाया है।
इस बात की जांच जब रिटर्निंग ऑफिसर प्रदीप भार्गव ने बिजली कंपनी के एई को बुलाकर पूछा तो उन्होंने सरपंच पद के आवेदक पर बकाया राशि बताई। नतीजा रिटर्निंग ऑफिसर ने आपत्ति को सही पाया और मगन बाई का नामांकन निरस्त कर दिया