खूबत हादसा फॉलोअप: RTO की मेहरवानी से जिले भर में बैखोफ होकर TAXI पर दौड रही है पर्सनल CAR, जान भी जाती है क्लैम भी नहीं मिलता

शिवपुरी। आज रात्रि शहर के खूबत घाटी में हुए भीषण सडक हादसे में एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत की खबर ने शिवपुरी शोक की लहर दौडा दी। इस हादसे में एक ही परिवार के तीन लोग मौत के मुंह में समा गए। जबकि तीन लोग ग्वालियर में जिंदगी और मौत से झूझ रहे है। अब इस परिवार पर दुखों का पाहड तो टूटा ही टूटा है। अब इन्हें बीमा क्लैम में भी दिक्कत का सामना करना पडेगा। उसके पीछे की बजह शायद ही आपको पता हो।
दरअसल शहर में कई टूर एण्ड ट्रेवल्स की दुकानें संचालित है। यह ट्रेवल्स ऐजेंशी जिले भर में अपनी कार ट्रैक्सी या भाडे पर भेजती है। परंतु इन दर्जनों ट्रेवल्स एंजेंसी संचालक कारों को पर्शनल रजिस्ट्रर्ड कराकर इन्हें पार्टी पर भेजते है। जिसके चलते हादसे होने की स्थिति में बीमा कंपनी यह कहकर क्लेम देने से इंकार कर देती है कि आपका बाहन पर्शनल रूप से रजिस्ट्रर्ड है। और आप इसे ट्रेक्सी पर किस आधार पर चला सकते है।
दरअसल किसी भी कार या वाहन का व्यवसाईक या ट्रेक्सी के रूप में उपयोग करने के लिए कार को सबसे पहले आरटीओं में टैक्सी परमिट कराना होता है। परमिट होने के बाद कार की नंबर प्लेट भी बदल जाती है और यह सफैद से पीली हो जाती है। इसके एवज में आरटीओ विभाग विधिवत ट्रेक्सी के परमिट की रशीद काटता है। जो हजारों में रहती है। परंतु अपने फायदे के लिए यह ट्रेक्सी संचालक यह रशीद नहीं कटाते और हादसे होने की स्थिति में क्लैम में दिक्कतों का सामना करना पडत है।
आज जो एक्सीडेंट हुआ है उसमें बुलेरों 9 लोग सवार थे। बताया गया है यह 9 लोग बुलेरो कार क्रमांक एमपी 33 सी 8310 में सबार होकर गिर्राजजी गए थे। बताया गया है कि यह बुलेरो कार नबाव सहाब रोड पर किसी लल्जा बाई जाटव पत्नि रमेश कुमार जाटव के नाम पर रजिस्टर है। अब इस कार को ट्रेक्सी के रूप में राठौर परिवार ने किराए पर लिया था और उससे लौटते समय यह हादसा हो गया।
अब जब यह मामला न्यायालय में पहुंचेगा तो यहां वकील यह कहकर इसे दरकिनार कर देगा कि इसमें मृतकों की ही गलती थी कि वह कार तो किराए की लाए थे। परंतु यह कार टैक्सी परमिट नहीं थी। जिसके लिए शिवपुरी आरटीओ जिम्मेदार है। यहां आरटीओ मेडम बसूली में व्यस्त है। इस और उनका कही भी ध्यान नहीं रहता कि ऐसी गाडियों को तत्काल या तो बंद करें या फिर इनपर कार्यवाही कर इन्हें टैक्सी परमिट प्रदान करें
इनका कहना है
यह बात सही है कि जब इस तरह की घटनाएं हो जाती है तो जो परिवार अपने सदस्य को खो देता है उसे राहत के लिए बीमा क्लैम लगाता है। परंतु बीमा क्लैम के दौरान बीमा कंपनी का बकील इस क्लैम को यह कहकर रिजेक्ट करा देता है कि प्रायवेट कार का टैक्सी पर उपयोग किया जा रहा था। जिसके चलते कंपनी जिम्मेदार नहीं है बल्कि कार मालिक और ड्रायवर जिम्मेदार है। अब कार मालिक इस क्लैम की भरपाई में असमर्थ रहता है और यह मामला कोर्ट में चलता रहता है और जो पीडित परिवार है उसे न्याय नहीं मिल पाता। इसलिए आरटीओं को इस मामले में सभी टूर एण्ड ट्रेवल्र्स पर पहुंचकर जो गाडियां वह टैक्सी पर चला रहे है उनको टैक्सी परमिट देना चाहिए।
गजेन्द्र यादव, बरिष्ठ अधिवक्ता,जिला एवं सत्र न्यायालय शिवपुरी